tag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post436453502648315305..comments2023-10-10T06:51:30.363-07:00Comments on JHAROKHA: संग छोड़ चले हम हिन्दी कापूनम श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-91491406776798618892010-03-21T10:47:42.973-07:002010-03-21T10:47:42.973-07:00मधुरा मनोहरा पुनीता है हिन्दी
शैशव की गीता संगीता ...मधुरा मनोहरा पुनीता है हिन्दी<br />शैशव की गीता संगीता है हिन्दी<br />हिन्दी है माटी की प्राकट्य प्रतिबिम्ब<br />देव भूमि संस्कृति की परिणीता है हिन्दी<br /><br />सुनती है भारत वसुंधरा की धड़कन<br />सुख दुःख की अंतःकरण की है भाषा<br />आशा है राष्ट्र- उत्थान के कंटक पथ की<br />सजग सत्य पथ की अभिलाषा है हिन्दी<br /><br />हिन्दी जो माता - सहोदर- सहपाठी है<br />सहचरी है पगपग पर प्रेरक हमारी<br />हमारी मुंह बोली सहेली अलबेली<br />अपने ही घर में परित्यक्ता - अकेली है<br />अंग्रेजी हरजाई के मद में सब डूबे है<br />हिंगलिश की घुटनों में सिसकती है हिन्दी<br />....... अरुणArun M ........अ. कु. मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/02583289935825093743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-85476443429266264112010-03-16T11:54:41.944-07:002010-03-16T11:54:41.944-07:00चिंता न करें, यदि हम हिन्दी का उपयोग करते हैं तो आ...चिंता न करें, यदि हम हिन्दी का उपयोग करते हैं तो आने वाली पीढ़ी भी निश्चित रूप से आपसी बातचीत के लिए हिन्दी का ही उपयोग करेगी।Atul Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16469390879853303711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-24896596145624202542010-03-13T00:35:10.985-08:002010-03-13T00:35:10.985-08:00हमे सब भाषाऎ सिखनी चाहिये....
लेकिन एक गुलाम की तर...हमे सब भाषाऎ सिखनी चाहिये....<br />लेकिन एक गुलाम की तरह से नही, ओर हम अभी तक दिमागी तॊर पर गुलाम है, कोई माने या ना माने, क्योकि हम दुसरे के बाप को अपना बाप बनाने पर तुले हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-14547176852293823952010-03-12T03:50:52.052-08:002010-03-12T03:50:52.052-08:00पूनम जी,
सत्य है, लोग अच्छी हिंदी बोलने से अच्छा ट...पूनम जी,<br />सत्य है, लोग अच्छी हिंदी बोलने से अच्छा टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलना समझते हैं! एक किस्सा सुनिए-कुछ वर्ष पूर्व मेरे एक रिश्तेदार ट्रेनिंग के लिए जापान गए थे,वे एक दिन बस से ऑफिस से लौटते वक़्त अपने एक भारतीय सहकर्मी से अंग्रेजी में बातें कर रहे थे, उनके साथ वाली सीट पे एक <br />बुज़ुर्ग जापानी महिला बैठी थीं, उन्होंने उन लोगों से अंग्रेजी में पूछा,"क्या आप लोगों कि मात्र-भाषा इंग्लिश है?यदि नहीं तो आप दोनो अपनी<br />मात्रभाषा में क्यों नहीं बात कर रहे??" <br />पूनम जी, इस वाकये में छुपे सन्देश को देखिये, वो विदेशी बुज़ुर्ग महिला भी चाहती थीं कि वे दोनों अपनी मात्रभाषा का उपयोग करें!<br />उन्नति, प्रगति, तरक्की आदि के लिए विदेशी भाषा का ज्ञान आवश्यक है परन्तु अपने देश में तो कदाचित नहीं!रोली पाठकhttps://www.blogger.com/profile/13106522735886815930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-2380042401996553752010-03-12T03:09:10.648-08:002010-03-12T03:09:10.648-08:00बहुत सुन्दर लिखा...हम तो हिंदी वाले हैं.
...बहुत सुन्दर लिखा...हम तो हिंदी वाले हैं.<br /> <br /> ______________<br /><br />"पाखी की दुनिया" में देखिये "आपका बचा खाना किसी बच्चे की जिंदगी है".Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-18089679915825162272010-03-12T00:31:55.087-08:002010-03-12T00:31:55.087-08:00bhasha seedhe taur par economics se judi hai poona...bhasha seedhe taur par economics se judi hai poonam ji... abhi jo media me hindi ka badhta prabhav dekh rahe hain wo apni arth vyavastha ke kaarna hai... desh ko samarth banaye.. apni bhasha swayam hi sthan paa legi... desh hi nahi videshon me bhiअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-82662034419217147912010-03-11T09:11:45.065-08:002010-03-11T09:11:45.065-08:00saarthak lekh bhasha ka samman jaruri hai...par ba...saarthak lekh bhasha ka samman jaruri hai...par bachchon ko angrezi padhana bharteey mata pita ki majboori..durbhagyvash.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-5004271212772894162010-03-11T06:07:57.165-08:002010-03-11T06:07:57.165-08:00आपने बहुत साल पहले कही मेरी बात मुझे याद दिला दी. ...आपने बहुत साल पहले कही मेरी बात मुझे याद दिला दी. भाषा माँ की तरह है और किसी की माँ का अपमान कर हम अपनी माँ की शान नहीं बढा सकते. मैं तो अंगरेज़ी भाषा का एहसानमंद हूँ कि इस भाषा के प्राध्यापकों ने भारतीय साहित्य को ऊँचाइयाँ दी है. डा. हरिवंश राय बच्चन, रघुपति सहाय फिराक़ और कृष्ण्देव प्रसाद गौड बेढब. फिल्म चुपके चुपके का एक सम्वाद उद्धृत करना चाहुंगा कि भाषा अपने आप में इतनी महान होती है कि कोई उसका अपमान कर ही नहीं सकता.<br />पूनम जी आपके विचारों से शत प्रतिशत सहमत हूँ मैं.सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-32368823680356236562010-03-11T03:58:36.374-08:002010-03-11T03:58:36.374-08:00mahatapoorn aalekh ,aap ke vichaar uchit hai ,mahi...mahatapoorn aalekh ,aap ke vichaar uchit hai ,mahila divas ki badhai .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-2538010714012438602010-03-10T18:01:10.932-08:002010-03-10T18:01:10.932-08:00अच्छा लेख है आपका ... हम सबको इस विषय में सोचना चा...अच्छा लेख है आपका ... हम सबको इस विषय में सोचना चाहिए !विचारणीय पोस्ट...आभार...RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-23423616399920316642010-03-10T16:42:02.849-08:002010-03-10T16:42:02.849-08:00आपकी टिप्पणी के लिए आपका आभार....आपने एक सामान्य ह...आपकी टिप्पणी के लिए आपका आभार....आपने एक सामान्य हो चुका गंभीर मुद्दा उठाया हैं...जिस पर पर्याप्त बहस हो चुकी हैं......पर बेतानिजा बहस...जिसका कोई सर पैर नहीं.....जब हम खुद में बदलाव नहीं ला सकते तो देश को ऐसा करने के कहना तो दूर कि बात सोच भी नही सकते....जब तक हिंदी के लिए हमारे दिल में सम्मान और अपनेपन कि भावना नही पैदा हो जाती...तब तक कुछ भी कहना बैमानी होगा....डिम्पलDimple Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/14066816391236429122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-29689810930676317432010-03-10T04:51:15.787-08:002010-03-10T04:51:15.787-08:00vakai ham hindi se dur ho rahe haivakai ham hindi se dur ho rahe haiPushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-50356283280277461092010-03-09T11:12:20.919-08:002010-03-09T11:12:20.919-08:00बहुत सार्थक लेख....हिंदी के उत्थान में ऐसे विचार औ...बहुत सार्थक लेख....हिंदी के उत्थान में ऐसे विचार और कृत्य निश्चय ही सराहनीय हैं....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-75618756960039122732010-03-08T17:36:39.785-08:002010-03-08T17:36:39.785-08:00बहुत सुंदर धन्यवादबहुत सुंदर धन्यवादसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-39893323533753064332010-03-08T13:15:21.571-08:002010-03-08T13:15:21.571-08:00पूनम जी
भारत मुस्लिम लुटेरों का लंबे समय तक गुलाम ...पूनम जी<br />भारत मुस्लिम लुटेरों का लंबे समय तक गुलाम रहा और इस काल में हमारी भाषा विकृत कर डी गयी. हम अँग्रेज़ी का विरोध करते हैं जिसकी हमें आवश्यकता होती है. किंतु उर्दू का विरोध नहीं करते जिसने हमारी भाषा और संस्कृति को विकृत किया है. आज हमें अपनी भाषा का शुद्धीकरण करना चाहिए, शुद्ध बोलकर और लिखकर.राम बंसल/Ram Bansalhttps://www.blogger.com/profile/10182040999161020512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-92222019553880853302010-03-08T08:33:13.974-08:002010-03-08T08:33:13.974-08:00Bahut Sarthak Alekh hai Punamji....Dhanywad!
Mahil...Bahut Sarthak Alekh hai Punamji....Dhanywad!<br />Mahila Divas Ki Shubhkaamnaae!!रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-22070692439104799702010-03-08T04:52:01.977-08:002010-03-08T04:52:01.977-08:00आपकी बात से पूर्ण सहमति है |आपने यथार्थ लिखा है कि...आपकी बात से पूर्ण सहमति है |आपने यथार्थ लिखा है कि अगर आवश्यक है तो हम अंग्रेजी भी बोलेंगे और सही भी है पोटी और बाथरूम की हिन्दी बोलने में थोड़ी दिक्कत तो होती है दूसरी बात यह कि रुमाल को रुमाल कहने से काम चलता है तो मुख मार्जन वस्त्र खंड नहीं कहना ही ठीक है |जो भाषा प्रचलन में है उसे बोलना सुविधा जनक होता है आखिर सामने वाले का भी ध्यान रखना पढता है कि वह समझता भी है या नहीं |""मेरे द्विचक्र बाहन के प्रष्ट चक्र से पवन प्रसारित हो गया है को अंगरेजी मिश्रित सुबोध भाषा में कहना ही मुनासिब है | अपनी माँ की जरूर सेवा करना चाहिए किन्तु दूसरे की माँ को भी इज्जत तो देना चाहिए एक दम ठुकराना ठीक नहीं होताBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-3114596264038116922010-03-08T04:07:50.606-08:002010-03-08T04:07:50.606-08:00बहुत सुन्दर सार्थक आलेख है। शुभकामनायेंबहुत सुन्दर सार्थक आलेख है। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-70739277079077806222010-03-08T03:16:00.649-08:002010-03-08T03:16:00.649-08:00बहुत ही अच्छे विचार के साथ आपने बिल्कुल सही बात और...बहुत ही अच्छे विचार के साथ आपने बिल्कुल सही बात और सार्थक सन्देश दिया है! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-84420359853120702772010-03-07T12:14:34.784-08:002010-03-07T12:14:34.784-08:00बहुत अच्छे विचार हैं आप के मगर अंग्रेजी से मोह छू...बहुत अच्छे विचार हैं आप के मगर अंग्रेजी से मोह छूटना इतना आसान नहीं है पूनम जी ..बस आज तो सब का अपनी भाषा से जुड़ाव बना रहे यह बहुत ज़रूरी है.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-936283201367229852010-03-07T10:31:59.763-08:002010-03-07T10:31:59.763-08:00बहुत अच्छी और सार्थक पोस्ट.... बहुत अच्छी लगी यह प...बहुत अच्छी और सार्थक पोस्ट.... बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-55526233411582194782010-03-07T08:35:05.559-08:002010-03-07T08:35:05.559-08:00niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-58087387606561520262010-03-07T08:08:30.694-08:002010-03-07T08:08:30.694-08:00बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है आपने.
हमें हिंदी और हि...बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है आपने.<br />हमें हिंदी और हिंदी के साथ-साथ अपनी देशज भाषा का भी खुलकर प्रयोग करना चाहिए. अंग्रेजी का ज्ञान हो मगर अपनी भाषा की शर्मिंदगी की शर्त पर नहीं.<br />...बधाई.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-79960074026824388182010-03-07T07:35:59.995-08:002010-03-07T07:35:59.995-08:00अंग्रजी धंधे की भाषा है (इसमें बुरा भी कुछ नहीं है...अंग्रजी धंधे की भाषा है (इसमें बुरा भी कुछ नहीं है) हिन्दी अपनी जगह है.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4386048918231427711.post-46634597684790072582010-03-07T05:26:59.586-08:002010-03-07T05:26:59.586-08:00बहुत ही सार्थक उम्दा विचार संदेश.... विचारणीय पोस्...बहुत ही सार्थक उम्दा विचार संदेश.... विचारणीय पोस्ट...आभार...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com