माँ तेरी कोख में जनम लिया
कोई इससे बड़ा वरदान नहीं
तेरे दिल से निकले आशीर्वचन
मुझसे बड़ा धनवान नही
तूने जो सन्स्कार दिये मुझको
उससे बड़ा कोई रत्न नही
हर पग-पग पर जो सीख मिली तुझसे
उससे बड़ा कोई ज्ञान नही
मुश्किलों में भी चट्टानो से टकराकर
मेरे लिये हरदम मुस्कान बनी
स्नेह,त्याग,ममता की जननी
तुझसे बड़ा कोई मान नही
माँ-माँ तू केवल माँ है मेरी
मेरे लिये तुझसे बड़ा भगवान नही
तुझसे ही तो जाना हमने होते हैं भगवान भी
तुझमें पाते सारे वो रूप,तुझ सम कोई और नहीं
माँ मेरा हर जीवन
हर पल है तुझपे क़ुर्बान
ॠण तेरा कभी ना चुक सकता माँ
पर ये मेरा तुझपर उपकार नही
शत-शत नमन तुझे ओ मेरी माँ
तू मिले मुझे हर जनम-जनम
यादों मे बसी,साँसों मे समाई
ओ माँ,
कैसे कहूँ कि तू अब मेरे पास नहीं…॥
000
पूनम
51 टिप्पणियां:
माँ का आशीर्वाद हमेशा पास रहता है ..अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुंदर रचना, मां तो हमेशा पास ही रहती हे हम सब के
तेरे दिल से निकले आशीर्वचन
मुझसे बड़ा धनवान नही
तूने जो सन्स्कार दिये मुझको
उससे बड़ा कोई रत्न नही
हर पग-पग पर जो सीख मिली तुझसे
उससे बड़ा कोई ज्ञान नही
...
sach me maa ka koi vikalp nahi bhagwaan bhi nahi...!
मां का साया सबसे बड़ी सुकून की बात होती है और उनकी उपस्थिति का अहसास भगवान के अस्तित्व से किसी तरह कम नहीं!
आपकी पोस्ट के लिये बहुत धन्यवाद पूनम जी।
माँ से अच्छा माँ प्यारा कोई नहीं.... हैप्पी मदर्स डे
उन चरणों पर सब अर्पण हो।
तूने जो सन्स्कार दिये मुझको
उससे बड़ा कोई रत्न नही
हर पग-पग पर जो सीख मिली तुझसे
उससे बड़ा कोई ज्ञान नही.
माँ के आशीर्वाद से बड़ा कुछ नहीं. जिसके पास माँ का आशीर्वाद जिसके पास है उससे ज्यादा धनवान कोई नहीं.
maa ke bare me bahut sundar bhavon ko prastut kiya hai aapne.Happy Mother's Day .
माँ-माँ तू केवल माँ है मेरी मेरे लिये तुझसे बड़ा भगवान नही
bahut sundar bhav
ma ke prati udgaro lee abhivykti aankhe nam kar gayee .unke diye sanskar aur sadaiv margdarshan karte rahte hai aur aasheervad to hai hee sath........
MAA SE BDA BHAGWAN NAHI. YE SACH HAI KI MAA KA RISTA SABSE BDA RISTA HOTA HAI. HUM JAB CHOTE HOTE HAIN TO MAA KA PYAR MILTA HAI. JAB BDE HO JAATE HAIN TO MAA EK DOST KI TRAH HUMARA SATH DETI HAI, MAA SE AGAR HUM KUCH CHUPANA BHI CHAHEN TO MAA KO PTA CHAL HI JATA HAI. MAA EK ESA SABD HAI JISKE BARE ME BTANE ME SHARE SABD CHOTE PAD JAYE. . . MUJHE BANGAL KI EK BAAT ACHI LAGTI HAI KI WAHAN PAR HAR NAAM KE BAAD MAA SABD JOD DIYA JATA HAI JAISE KI, DIDI MAA, BHABI MAA , CHACHI MAA, OR MAA TO MAA HAI HI. . . . . MAA TUJHE SALAAM. . . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT.
पूनम!
इस कविता पर कोइ टिप्पणी की ही नहीं जा सकती.. सिर्फ सर नवाया जा सकता है!! प्रणाम हर माँ को!!
माँ मेरा हर जीवन
हर पल है तुझपे क़ुर्बान
ॠण तेरा कभी ना चुक सकता माँ
बहुत सुंदर लिखा है आपने पूनमजी ..... माँ सर्वोपरि है..... उसका ऋण कोई नहीं चुका सकता ......
bshut sunder rachna........maa ki mamata ka koi mol chukaya nahi ja sakta ..........
बहुत सुन्दर रचना ,मत्री भक्ति को प्रणाम बहुत अच्छा लगा ----धन्यवाद.
माँ को प्रणाम!
मातृदिवस पर बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने!
--
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
--
http://nicenice-nice.blogspot.com/2011/05/blog-post_08.html
कैसे कहूँ कि तू अब मेरे पास नहीं... maa kabhi door nahin hoti, dhadkanon se judi hoti hai, garbhnaal ka rishta adbhut hota hai
माँ को प्रणाम
mesmerizing memories.
माँ तो हमेशा हमेशा साथ ही रहती है ... किसी न किसी रूप में ... दिल को छूने वाली कविता है ...
माँ बेशक पास न हो पर साथ हमेशा होती है.
सुन्दर प्रस्तुति.
जी बहुत अच्छी रचना... मुनव्वर राना की दो लाइने याद आ रही हैं..
मां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती है,
जब वो बहुत गुस्से में होती हैं तो रो देती है।
ऐ अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया,
मां ने आंखे खोल दी घर में उजाला हो गया।
मां के लिये कहा गया हर शब्द ...अनमोल है ।
सुन्दर प्रस्तुति|माँ का आशीर्वाद हमेशा पास रहता है|
janni janmbhushcha swargaadapi gareeyasi.....
maa ko shat shat naman...
bahut sunder rachna!!!!
माँ तेरी कोख में जनम लिया कोई इससे बड़ा वरदान नहीं तेरे दिल से निकले आशीर्वचन मुझसे बड़ा धनवान नही तूने जो सन्स्कार दिये मुझको उससे बड़ा कोई रत्न नही हर पग-पग पर जो सीख मिली तुझसे उससे बड़ा कोई ज्ञान नहीमुश्किलों में भी चट्टानो से टकराकर मेरे लिये हरदम मुस्कान बनी स्नेह,त्याग,ममता की जननी तुझसे बड़ा कोई मान नही माँ-माँ तू केवल माँ है मेरी मेरे लिये तुझसे बड़ा भगवान नही तुझसे ही तो जाना हमने होते हैं भगवान भी तुझमें पाते
इसीलिए तो भगवान को भी 'त्वमेव माता '
कहकर बुलाते हैं.
माँ को समर्पित आपकी इस शानदार प्रस्तुति को शत शत नमन.
आप मेरे ब्लॉग पर आने में क्यूँ देर लगा रहीं हैं.कोई नाराजगी तो नहीं न ? आपकी सुन्दर टिपण्णी से मैं अभिभूत हों जाता हूँ.कृपया,निराश न कीजियेगा.
माँ मेरा हर जीवन
हर पल है तुझपे क़ुर्बान
ॠण तेरा कभी ना चुक सकता माँ
पूनम जी माँ की ममता में लिखी खूबसूरत रचना जितना भी लिखिए कम है उपर्युक्त पंक्तियाँ बहुत सुन्दर
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
सही समर्पण है माँ को .....
इनसे बड़ा कोई नहीं ! शुभकामनायें !
सुंदर रचना
हैप्पी मदर्स डे
सभी माओं को नमन , सच में माँ तो माँ होती है
आदरणीय पूनम जी
नमस्कार !
माँ के आशीर्वाद से बड़ा कुछ नहीं
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
माँ शब्द में ही
एक अदृश्य शक्ति होती है
माँ कहते हीमाँ से बढ़कर कोई नहीं इस दुनिया में
बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत सुन्दर रचना! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है!
माँ से प्यारा कोई नहीं....
माँ का आशीर्वाद हमेशा पास रहता है ..
सुन्दर प्रस्तुति.
maa ka pyar to anant hai... bahut sundar prastuti
तबियत खराब होने के बाबजूद आप मेरे ब्लॉग पर आयीं इसके लिए मै आपका तहे दिल से आभारी हूँ.
आपकी विनम्रता और सहृदयता सराहनीय एवम अनुकरणीय है.मेरे कारण आपको जो कष्ट हुआ उसके लिए मै आप से क्षमा मांगता हूँ.आपकी सुन्दर विस्तृत टिपण्णी के लिए भी बहुत बहुत आभार .
यदि आपको समय मिले तो कल जी न्यूज चैनल के मंथन प्रोग्राम (सुबह ६.३० से ७.०० बजे)को देखिएगा. मै भी उसमें अपने विचार 'सीता नवमी'के अवसर रखूँगा.
maa kabhi door nahin jati.......
किन्ही कारणवश जी न्यूज चैनल के आज के मंथन प्रोग्राम में मेरा कार्यकर्म रद्द हों गया है.आपको हुई किसी भी असुविधा के लिए मुझे खेद है.
ma se bada koi nahi hota sach kaha aapne bahut sunder likha hai
मेरे लिये तुझसे बड़ा भगवान नहीतुझसे ही तो जाना हमने होते हैं भगवान भी तुझमें पाते सारे वो रूप,तुझ सम कोई और नहींमाँ मेरा हर जीवन हर पल है तुझपे
sach ma se badha to bhagvan bh nahi haii
rachana
भाव के साथ साथ शब्दों का उत्तम चयन
idhar swasthy kuchh jyada hi kharab hone ki vajah se mpurnain apne aadarniy avam priy biogers jano se dil se xhma chati hun.mujhe bahut hi afsos ho raha hai ki main aap sabhi ke posto ko padh kar un par comments nahi de pa rahi hun. sach mujhe bahut bahut dukh ho raha hai .
apni post to shrimaan ji se ya beti se kisi tarah dalwa deti hun .par comments main khud hi post ko padh kar deti hun.
is baar comments dalne me bahut hi der ho rahi hai
par majbur hun .kya karun.
aasha hi nahi mujhe purn vishwas hai ki aap sabhi apne ashish v sneh
ko yun hi mujh par banaye rakhenge.thoda bhi theek houngi to punah koshish karungi ki aap sabhi blog tak pahunch sakun .thodi der ho sakti hai.kyon ki aaj kal net par aa hi nahi paati hun .
is vilmb ke liye sabhi se dil se bahut bahut xhma chahti hun.
aap sbhi ko hardik dhanyvaad
poonam
देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ .माँ से बड़ा कोई धन , कोई धर्म और कोई पूजा नहीं .
Bas yahi mera dil bhi kahta hai..
Bin Maa ke ik pal bhi jana muskil hai mere liye.
पूनम जी ..माँ की ममता .....म से ही शुरू होती है और हर म से शुरू होने वाले शब्द में मिलती है ! आप आज कल अस्वस्थ है ! अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे ! साई बाबा का नाम ले ! सब कुछ ठीक हो जाएगा ! टिपण्णी के बारे में न सोंचे ! स्वास्थ्य ही जीवन है ! साई बाबा के बारे में पोस्ट किया हूँ , पढ़े और उनका ध्यान करें !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति.
माँ से बढ़कर दूजा कोई नहीं! माँ की ममता और प्यार अमूल्य होता है! बहुत सुन्दर रचना! दिल को छू गयी हर पंक्तियाँ!
बहुत ही सुंदर रचना.
जिसको नही देखा हमने कभी, फिर उसकी जरुरत क्या होगी,
हे, मां, तेरी सुरत से अलग, भगवानकी मुरत क्या होगी?
... गाना याद आ गया.
behad sanjeeda khayaal..khoobsurat rachna...
भाव बोध से भरी भरी हर दम रहती थी माँ .
माँ.. माँ.. माँ..सुंदर रचना.. कोमल और हृदयस्पर्शी भाव हैं...मन को छू गए ..
आदरणीया पूनम जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
विलंब से आया हूं इतनी हृदयग्राही पोस्ट पर …
मां ! तू केवल मां है मेरी
मेरे लिये तुझसे बड़ा भगवान नही…
नमन है … इससे बड़ी भावना भी नहीं … बहुत सुंदर !
आपकी रचना बहुत भावमयी है … और यही क्या आपकी सब रचनाओं में सुंदर भाव समाहित होते हैं ।
आपके लिए सादर समर्पित मेरे एक गीत की कुछ पंक्तियां -
हृदय में पीड़ा छुपी तुम्हारे , मुखमंडल पर मृदु - मुसकान !
पलकों पर आंसू की लड़ियां , अधरों पर मधु - लोरी - गान !
धन्य तुम्हारा जीवन है मां ! तुम पर तन मन धन बलिदान !
तुम पर जग न्यौछावर माता ! स्वत्व मेरा तुम पर बलिदान!!
तेरा जीवन - चरित निहार' स्वर्ग से पुष्प बरसते हैं मां !
तुम- सा क़द - पद पाने को स्वयं भगवान तरसते हैं मां !
चरण कमल छू'कर मां ! तेरे , धन्य स्वयं होते भगवान !
धन्य तुम्हारा जीवन है मां ! स्वत्व मेरा तुम पर बलिदान !!
# कृपया , स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें…
आप शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण स्वस्थ हों !
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग में निम्नांकित लिंक पर उपरोक्त पूरे गीत सहित मां संबंधी मेरी तीन रचनाएं देखें
मां ! तेरे कदमों तले जन्नत …
हर्दिक शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
Aapki is "MAA" ko samarpit rachna mein likha har shabd behtareen hai!!
aapki neha:)
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