रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी
को हार्दिक शुभकामनायें।
भाई के नाम एक संदेश
राखी पे ज़रूर आना
अब चलेगा ना भैया कोई बहाना।
काम से ले के आना
तुम ज़रूर छुट्टी
वरना मैं कर लूंगी
तुझसे फ़िर से कुट्टी।
जैसे बचपन में मैं रूठ जाती थी
लाख मनाते थे तुम
फ़िर भी मैं तो थी ही ज़िद्दी।
लड़ती झगड़ती तुमसे
पाने को नेह तुम्हारा
राखी तो कहती है
ये दिन है खास हमारा।
पर किसी के लिये
ना दिन कोई खास होता
हर पल हर दिल में
भैया तेरा ही नेह बरसता।
अबकी भैया तुम राखी पे आना
मुझको कलाई पे है तेरे राखी सजाना
टीका लगा के माथे
लूँगी बलायेँ
मेरे भैया की उमरिया
लंबी हो जाय।
आँचल फ़ैला के भैया
मैं तुझसे नेग लूँगी
अपने प्यारे भैया का
ढेर सारा प्यार लूँगी
नेह का बंधन है भैया।
ऐसे ही अटूट रहे
हाथ तेरा मेरे सिर पर
ढेरों आशीष मिले
और कुछ ना माँगू तुझसे
बस इतनी सी बात माँगू
जब भी पुकारूँ तुमको
तुम दौड़े चले आना।
ये न कच्चे धागे की डोर
इसको न समझना कमज़ोर
ये रक्षा बँधन की डोर
इसका नहीं है कोई छोर।
बंद करती भैया अब मैं ये पाती
खत के जवाब में तुम
खुद ही चले आना
बहना के नैन सजल
भर भर हैं आतीं।
अखियाँ तो बस अब
तेरी बाट हैं जोहती
राखी का पर्व भैया
तुमको मुबारक
बातें बचपन की याद
आती हैं एक एक ।
बहना की आस ना टूटे
आना ज़रूर से
ये रिश्ता है सबसे पाक
निभाना ज़रुर से।
000
पूनम
33 टिप्पणियां:
रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की याद में सुंदर रचना ,बधाई
भाई - बहन का चलता है मान मनौवल ...अच्छी रचना .
बहुत सुंदर रचना. एक एक शब्द मन से निकला हुआ और प्रर्थना है की आपके भैया आपकी ये मनोकामना जरूर पूरी करें.
बहुत उम्दा भावाभिव्यक्ति!
बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति भाव बिभोर करने वाली जो किसी भी भाई को सोचने को मजबूर कर सकती है .
राखी पर आपको हार्दिक शुभकामनाये ,मानकर चलरहे है कि हमें राखी मिल gaयीं है .
नेह भरी उलाहना।
बहुत सुंदर रचना...
मेरे भैया .....रानीविशाल
रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाए !!
आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएं.
मैं तो स्वयम् अपराधी हूँ... छुट्टी लेकर जा नहीं पाता.. लेकिन बहनें भाइयों की मजबूरी समझती हैं... बहुत सुंदर उलाहना भाइयों को ..
भाई-बहन के मजबूत रिश्तों का पर्व रक्षाबंधन सब भाई-बहनों के रिश्तों मे मजबूती लाये
बहुत सुंदर रचना...
--
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
बहुत अच्छी कविता।
:: हंसना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाए
रक्षाबंधन के अवसर पर बहुत सुंदर रचना
hi..
Har Rakhi par Bahna karti..
Apne Bhai ko hai yaad...
gar bhai na aaye gar to..
hothon par rahti fariyaad...
dua kare wo saara jeevan...
Bhai sada khushhaal rahe...
sukh, samrudhi aur khushiyon se..
bhai maalamaal rahe...
Bhai ke bhi dil main rahta...
Bahana sada hi muskaaye...
har pal khushiyon main beete...
wo apne ghar main sukh paaye...
yahi prem ke bandhan hai wo..
jinme bhai-bahan bandhe...
ek dooje ke sukh-dukh main wo..
dil se sada hi rahe jude...
sundar bhav...
Deepak....
thanx once again for sharing my blog.all sisters have the same feelings......
रचना ने दिल को छु लिया.देर से सही रक्षाबंधन की ढेरों बधाई और शुभकामनायें.
bahut badhiya rachana. rakshabandhan parv ki badhai...
बहुत सुंदर, हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
WAAH WAAH
KYA KHOOB LIKHA HAI , MAN KO CHOO GAYI KAVITA .. BADHYI HO ..RAKHI PAR ISE ACCHI PRASTITU KOI AUR HO HI NAHI SAKTI ..
VIJAY
आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...
http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html
वाह .. रक्षा बंधन के दिल इतनी सुंदर ... दिल भर आने वाली रचना ....
कोई भाई शायद ही रुक सके इसे पढ़ कर .....लाजवाब ...
ये रिश्ता है सबसे पाक निभाना ज़रुर
- भाई बहन का रिश्ता है ही ऐसा!
आत्मीयता भरी सुन्दर रचना. आभार.
अच्छी लगी रचना.बधाई.
बहुत सुन्दर रचना
मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए धन्यवाद. पहली बार आपका ब्लॉग देखा है. बहन-भाई के बीच चुहल और नटखटपने की कई तस्वीरें आपने खींची है. पूनम बिटिया बहुत-बहुत बधाई. आपका संदेश मैंने रंगकर्मी ज़ुल्फ़िकार को फोन पर दे दिया है. उन्होंने ने सभी बलॉग देखने वालों को 'थिएटर एज' में आने का न्यौता दिया है.
ये रिश्ता है सबसे पाक
निभाना ज़रुर से।
उम्मीद है भईया ने ये पुकार जरुर सुन ली होगी .....
शुभकामनाएं ....!!
बहत सुन्दर, प्यारी और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! हर एक शब्द दिल को छू गयी ! रक्षाबंधन के इस पवन पर्व पर ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
ऐसा लगा कि हम बचपन में उतेर गये !
ye sda har behan ki hai..bhaaw sundar hai!
Bahan ke ppyar ki bahut sundar aur hradaysparshi abhivyakti.
सुंदर रचना.
बहना की आस ना टूटे
आना ज़रूर से
ये रिश्ता है सबसे पाक
निभाना ज़रुर से।
Aapne to aankhen nam kar deen!
Poonam ji "Bikhare Sitare" pe "In sitararon se aage 4" me aapkaa tahe dilse shukriya ada kiya hai,tippanee ko yaad karte hue..gaur karen!
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