अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सभी पाठकों को हार्दिक
शुभकामनायें एवम बधाई।
अक्षर का मतलब------
क ख ग अक्षर नहीं विद्या का भंडार हैं।
यही तो भंडार सच्चे हैं कुबेर से भी बड़े खजाने हैं॥
अक्षर अक्षर मिल कर के शब्द कुछ प्यारे बने।
लिख लिख कर जो देखा तो लगा मोती से लुभावने हैं॥
चुन चुन कर शब्दों को,जब हमने समझ लिया।
तो यूं लगा ये केवल अपने नहीं औरों को भी लुटाने हैं॥
शब्दों की माला पिरो कर गले हमने जब लगा लिया।
यही तो वो बात है जो औरों को समझनी और समझानी है॥
इसी लिये थोड़े जीवन में भी इनकी जरूरत है बहुत।
यही खास धन जो न चोरी हों बस इनके भंडार बढ़ाने हैं॥
नहीं है जिसके पास ये धन उसकी भी कोई मजबूरी है।
कदम बढ़ाकर आगे हमको अक्षर के मतलब बतलाने हैं॥
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पूनम
बहुत सुन्दर विषय
जवाब देंहटाएंअक्षर जो क्षर नहीं होता यानी समाप्त नहीं होता हमारी देवनागरी लिपि वैज्ञानिक लिपि है इसलिए गले क़े अन्दर से शुरू होकर मुह क़े बाहर तक वर्ण बोलते समय आता है इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छी बात ही बोलना चाहिए भगवान कृष्ण ने जो गीता क़ा उपदेश दिया वह आज भी वायु मंडल में है .
इतनी अच्छी पोस्ट क़े लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
विद्या-भंडार बढ़ाने हैं।
जवाब देंहटाएंपूनम जी,आज तो आपने एक ऐसे ख़ज़ाने का ज़िक्र किया है जिसे कोई चुरा नहिं सकता...सचमुच अनमोल है विद्या का धन!!
जवाब देंहटाएंबिल्कुल जी..आभार!
जवाब देंहटाएंsundar rachana ,aham visshay par.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजी बहुत सुन्दर रचना ....धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंअक्सर रुखी रातों में
waah ... kitni achhi sachhi baat
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...सार्थक पोस्ट
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक्रचना है। तस्वीर मे लिखे शब्दों को जरा देख लें पद लिख की जगह पढ लिख होना चाहिये था शायद। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंशब्दों की माला पिरो कर गले हमने जब लगा लिया, यही तो वो बात है जो औरों को समझनी और समझानी है ....
जवाब देंहटाएंसच कहा .... ज्ञान एक ऐसा भंडार है जो कोई भी नही चुरा सकता ....
बहुत अच्छा संदेश देती रचना है ...
पुनम जी बहुत ही सुंदर वाल कविता कही आप ने धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, सुन्दर शब्दों की माला के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंjai ho !
जवाब देंहटाएंsaksharta divas par ek damdaar rachna..so nice!
जवाब देंहटाएंसुंदर।
जवाब देंहटाएंbahut hi shandar kavita.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअरे वाह ये तो बहुत ही सार्थक कविता है .
जवाब देंहटाएंअरे वाह ये तो बहुत ही सार्थक कविता है .
जवाब देंहटाएंकितनी खूबसूरती से लिखा है आपने...
जवाब देंहटाएंएक बेहद सुन्दर ,सामयिक और सार्थक पोस्ट्।
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत और शानदार रचना ! हर एक शब्द आपने बहुत ही खूबसूरती से लिखा है! मुझे बेहद पसंद आया!
जवाब देंहटाएंकदम बढ़ाकर आगे हमको अक्षर के मतलब बतलाने हैं
जवाब देंहटाएंसाक्षर भारत का सपना आपकी भी आँखों में पलता है !मैं आपको सलाम करती हूँ
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी एवं ईद की बधाई
आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !
जवाब देंहटाएंएक अहम् विषय पर बहुत ही रोचक ढंग से कही सुन्दर रचना...बधाई...
जवाब देंहटाएंhttp://sharmakailashc.blogspot.com/
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जवाब देंहटाएंHi poonam,
A brilliant post !
A wonderful message has been beautifully conveyed through the lovely lines.
ZEAL
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पूनम जी बहुत सही कहा आपने अक्षर वह धन है जो कोई चुरा नही सकता, बांटने से कम नही होता । खज़ाना लुटाने की बात तो बहुत ही सुंदर ।
जवाब देंहटाएंआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार साक्षरता दिवस 08/09/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर