मौत आती भी नहीं जां जाती भी नहीं
भंवर में फ़ंसे मांझी सी सांसें अटकी ही रहीं।
तेरे यादों के दिये जलाये हैं हुये
पर तू आस पास नजर आई ना कहीं।
खयालों में डूबा हूं तेरे इस कदर
न यहीं का रहा ना रहा कहीं।
ये दीवानगी की ही हद है शायद मेरी
एक तरफ़ा प्यार मेरा कभी तो जीतेगा सही।
मेरे प्यार की जुस्तजू है प्यार की इन्तहां
तेरे इनकार पर भी एतबार नहीं।
प्यार की ताकत है कोई कच्ची डोर नहीं
खिंची चली आयेगी तू रहे जहां भी कहीं।
धड़कनें देतीं दस्तक दिल के बन्द पट खोल जरा
मुस्कराता सा नजर आऊंगा बंद पलकों से ही देख सही।
तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं कब से
तेरी राहों में हरदम मेरी पलकें हैं बिछी ।
0000
पूनम
वाह!
जवाब देंहटाएंदीवानगी गर हद में रही, तो फ़िर उसे दीवानगी कहेगा ही कौन?
आपकी रचनाओं में गजब का आकर्षण होता है,इक अदृश्य सी डोर खींच लाती है........और ।दिल पर गहरा असर करती है ये........हमेशा आपका बेसब्री के साथ इंतजार होता है...बहुत सुंदर....धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं*गद्य-सर्जना*
दीवानगी की हद ही कहेंगे इसे।
जवाब देंहटाएंमौत आती भी नहीं जां जाती भी नहीं
जवाब देंहटाएंभंवर में फ़ंसे मांझी सी सांसें अटकी ही रहीं।
बहुत खूब ....सच में दीवानगी की हद है यह ....
सदियों से ये भाव जस के तस चले आ रहे हैं!!
जवाब देंहटाएंवाकयी हद ही है दीवानगी की ..
जवाब देंहटाएंवाह यही हे दिवानगी, बहुत खुब!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय पूनम जी..
जवाब देंहटाएंनमस्कार
दीवानगी की हद ही कहेंगे इसे।
बहुत सुंदर सीख देती एक सरल किंतु गम्भीर रचना| धन्यवाद
पूनम जी आपके अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना.
जवाब देंहटाएंआपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कमना करता हूँ!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विचार युक्त कविता है |
जवाब देंहटाएंदीवानगी ........
ये लाइन एक दम सच्ची सी लगी, अच्छे भाव समेटे बढ़िया रचना .
जवाब देंहटाएंमौत आती भी नहीं जां जाती भी नहीं
भंवर में फ़ंसे मांझी सी सांसें अटकी ही रहीं।
नारी स्वतंत्रता के मायने
तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं कब से
जवाब देंहटाएंतेरी राहों में हरदम मेरी पलकें हैं बिछी ।
waah....
sabase pahle ek bahut hi pyari rachna ke liye hardik badhai... sach me kaun diwana na ho jaye ise padh kar?
जवाब देंहटाएंaur dosto ne aapki jaldi thik hone ki baat kahi hai.... meri bhi duwaye yahi hain.
par aapko huwa kya hai....sab thik to hai na.
उत्कृष्ट रचना अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएं--पूनम माथुर
धड़कनें देतीं दस्तक दिल के बन्द पट खोल जरा
जवाब देंहटाएंमुस्कराता सा नजर आऊंगा बंद पलकों से ही देख सही।
वाह....बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं
जवाब देंहटाएंकब से तेरी राहों में हरदम मेरी पलकें हैं बिछी
deewanagi ki hadd!!
achchhi lagi..:)
ऊपर से गुड़िया हंसे, अंदर पोलम-पोल,
जवाब देंहटाएंगुड़िया से है प्यार तो, टांकों को मत खोल
उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंबहुतसुन्दर प्रस्तुति
वाह..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
ये दीवानगी की ही हद है शायद मेरी
जवाब देंहटाएंऔर
तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं कब से
बहुत खूब.
सलाम.
धड़कनें देतीं दस्तक दिल के बन्द पट खोल जरा
जवाब देंहटाएंमुस्कराता सा नजर आऊंगा बंद पलकों से ही देख सही। .क्या बात है इसे कहते है जज्बात , बहुत खूब, मुबारक हो
ये दीवानगी की ही हद है शायद मेरी
जवाब देंहटाएंएक तरफ़ा प्यार मेरा कभी तो जीतेगा सही।....
बहुत खूब ....
बहुत सुंदर सीख देती एक सरल किंतु गम्भीर रचना| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंदीवानगी की हद तक प्यार पर ऐतबार . सुन्दर भाव और शब्दों में गुंथी अच्छी लगी ये कविता .
जवाब देंहटाएंक्या बात है जान जाती नहीं मौत आती नहीं मौत भी बेचारी सोचती होगी किसी जिन्दा के पास चले मरे को क्या मारना । कोई पास न हो तो खयालों के दिये जलाना भी जरुरी है इस घर की देखभाल को बीरानियां to है जाले निकल गये तो हिफाजत करेगा कौन । बीरानियों की तरह यादों के दिये भी होना ही चाहिये।उजाले अपनी यादों के हमेशा साथ ही रखना न जाने किस गली में जिन्दगी की शाम हो जावे। इन्कार पर भी एतवार नहीं एक बहुत अच्छा प्रयोग। दिल के बन्द पट खेाल मुस्कराता ही नजर आउगा। इसे इस तरह भी ले सकते है कि दिल के पट खुल जाने पर वह सांवला सलोना मुरलीवाला मुस्कराता ही दिखेगा।आध्यात्मिक भी और सांसारिक भी। लाजवाब रचना ा।
जवाब देंहटाएंप्यार की ताकत है कोई कच्ची डोर नहीं
जवाब देंहटाएंखिंची चली आयेगी तू रहे जहां भी कहीं।
दीवानगी की हद हो गयी. उत्कृष्ट प्रस्तुति. बधाई सुंदर रचना के लिए.
अभी आपकी तबीयत कैसी है? आशा है अब पूर्ण स्वस्थ्य होंगी आप.
ये दीवानगी की ही हद है शायद मेरी
जवाब देंहटाएंएक तरफ़ा प्यार मेरा कभी तो जीतेगा सही।
बहुत खूब! बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
poonam ji , bahut hi sudnar kavita ke liye badhayi sweekar kare.
जवाब देंहटाएं----------
मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
"""" इस कविता का लिंक है ::::
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
विजय
भाव पूर्ण पंक्तियाँ हैं.
जवाब देंहटाएंये दीवानगी की ही हद है शायद मेरी
एक तरफ़ा प्यार मेरा कभी तो जीतेगा सही।
मेरे प्यार की जुस्तजू है प्यार की इन्तहां
तेरे इनकार पर भी एतबार नहीं।
...ये शेर पसंद आये. कुछ अपनी बात सी लगी.
तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं कब से
जवाब देंहटाएंतेरी राहों में हरदम मेरी पलकें हैं बिछी ।
bahut sundar .
"तेरे कदमों की आहट को सुन रहा हूं कब से तेरी राहों में हरदम मेरी पलकें हैं बिछी"
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना
दीवानगी की हद ही कहेंगे इसे।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना| धन्यवाद
कृप्या आप फेस बुक और ब्लाग पर अपनी दूसरी फोटो डाल लीजिए,यह फोटो बहुत मादक है जो आपकी भाव प्रवण रचनाओं से मेल नहीं खाती
जवाब देंहटाएंमुस्कराता सा नजर आऊंगा बंद पलकों से ही देख सही
जवाब देंहटाएंkya khoob kaha hai aapne
आशा से परिपूर्ण हृदय का संवेदन
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