रविवार, 3 जून 2012

रूठा चांद



चांद को देखा कुछ गुमसुम उदास है।
चांदनी भी शायद कुछ रूठी आज है॥

तभी बादलों में उसने मुंह छुपा लिया था॥
कर लिया क्यों उसने अंधेरी रात है॥

टिमटिमाते तारे भी लगे खोये खोये से।
चांद के बिना नहीं चांदनी साथ है॥

मैं भी उदास गुमसुम सी उसको निहारती रही।
वो शायद समझ गया मेरे दिल की बात है॥

दूर से ही सही वो मुझको तसल्ली दे रहा था।
यूं लगा कि कोई अपना अपने पास है॥
000
पूनम श्रीवास्तव

21 टिप्‍पणियां:

  1. waah ...
    ye ehsaas hi dooriyan mita deta hai ....!!
    sundar bhaav ...
    shubhkamnayen.

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  2. बहुत सुन्दर और कोमल कविता ! चाँद हमेशा सबका प्यारा रहा है ! बधाई पूनम जी !

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  3. एक सुन्दर सी कुछ नजाकत लिए ,सुखद अहसास देती कविता

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  4. कोई दुआ देता है तो मन को पता ही चल जाता है, अजब संवाद है..

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  5. मैं भी उदास गुमसुम सी उसको निहारती रही।
    वो शायद समझ गया मेरे दिल की बात है॥

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना लगी ,,पूनम जी,

    RECENT POST .... काव्यान्जलि ...: अकेलापन,,,,,

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  6. बादलों से गलबहियां कर फिर मुस्कुराता हुआ निकलेगा और आपके चेहरे पर भी मुस्कान बिखर ही जायेगी |

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  8. वाह!!!
    बहुत सुंदर..प्यारी सी रचना...

    अनु

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  9. कोमल भाव और सुंदर अहसास से भरी खुबसुरत रचना....

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  10. दूर से ही सही वो मुझको तसल्ली दे रहा था।
    यूं लगा कि कोई अपना अपने पास है॥..

    चाँद की ये अदा है ... जो जैसा सोचता है वो वैसा ही नजर आता है ... प्रेमी बन के सुकून भी देता है तो अल्हडपन भी करता है ...

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  11. chand hamesa ek pyara ehsas krata hai.well poonam ji.unque poem.

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  12. दूर से ही सही वो मुझको तसल्ली दे रहा था।
    यूं लगा कि कोई अपना अपने पास है॥..
    बहुत ही बढिया।

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  13. चाँद और पूनम जब साथ साथ होते हैं
    निर्मल चाँदनी का प्रकाश छिटका कर लाजबाब
    होते हैं.

    कई दिनों से अमेरिका के टूर पर था.
    आज ही लौटा.आपकी प्रस्तुति पढकर
    मन प्रसन्न हो गया.

    सुन्दर भावमय प्रस्तुति के लिए आभार,पूनम जी.

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  14. मैं भी उदास गुमसुम सी उसको निहारती रही।
    वो शायद समझ गया मेरे दिल की बात है॥

    आपसी संवाद के माध्यम से भावों को बेहतर तरीके से अभिव्यक्ति दी है ....!

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  15. दूर से ही सही वो मुझको तसल्ली दे रहा था।
    यूं लगा कि कोई अपना अपने पास है॥

    बहुत ही भावुक कर देने वाली कविता । मेरा नया पोस्ट आपका इंतजार कर रहा है । धन्यवाद ।

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  16. मैं भी उदास गुमसुम सी उसको निहारती रही।
    वो शायद समझ गया मेरे दिल की बात है॥

    वाह कितना खूबसूरत खयाल है ।

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