शनिवार, 9 मार्च 2013

अपने लिये भी---।


चुरा लो समय से कुछ पल
अपने लिये भी
मांग लो थोड़ा सा वक़्त
अपने लिये भी
कल रहो या न रहो
ढूंढ़ लो कोई ठिकाना
अपने लिये भी।

दूसरों पर और खुशियां
लुटाओगे कब तलक
बचा लो थोड़ी सी खुशी
अपने लिये भी।
कटु वचन को अपने अंदर
घोलोगे कब तलक
मांग लो दो शब्द प्रेम के
अपने लिये भी।
खुद जियो और जीने दो दूसरों को
मान लो इस सत्य को
अपने लिये भी।
000
पूनम


18 टिप्‍पणियां:

ktheLeo (कुश शर्मा) ने कहा…

वाह!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत उम्दा भाव,,,सुंदर रचना,,,

Recent post: रंग गुलाल है यारो,

शिवनाथ कुमार ने कहा…

बहुत खूब
बढ़िया
सादर !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ...!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच कहा, यही आवश्यकता है।

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब ...
शुभकामनायें !

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर

आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.

रामराम.

babanpandey ने कहा…

शिव रात्रि मंगल मय हो पूनम जी

babanpandey ने कहा…

शिव रात्रि मंगल मय हो पूनम जी

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी रचना

बेनामी ने कहा…

महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा .. अपने लिए जरूर समय होना चाहिए ... नहीं तो बाद में पछतावा होता है ...

कविता रावत ने कहा…

खुद जियो और जीने दो दूसरों को
मान लो इस सत्य को
अपने लिये भी ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सुंदर कविता।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं। पर ध्‍यान रहे, बदरंग न हो होली।

Bestoffer ने कहा…

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Reetika ने कहा…

apni khushi jab doosron ki khushiyon mein dhoond rahein ho tab ??

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

सही बात,दुनियादारी तो जीवन ही है..
कुछ वक्त अपने लिए भी चाहिए सुकून के...
सुन्दर रचना..
:-)