चुरा लो समय से कुछ पल
अपने लिये भी
मांग लो थोड़ा सा वक़्त
अपने लिये भी
कल रहो या न रहो
ढूंढ़ लो कोई ठिकाना
अपने लिये भी।
दूसरों पर और खुशियां
लुटाओगे कब तलक
बचा लो थोड़ी सी खुशी
अपने लिये भी।
कटु वचन को अपने अंदर
घोलोगे कब तलक
मांग लो दो शब्द प्रेम के
अपने लिये भी।
खुद जियो और जीने दो दूसरों को
मान लो इस सत्य को
अपने लिये भी।
000
पूनम
18 टिप्पणियां:
वाह!
बहुत उम्दा भाव,,,सुंदर रचना,,,
Recent post: रंग गुलाल है यारो,
बहुत खूब
बढ़िया
सादर !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ...!
सच कहा, यही आवश्यकता है।
बहुत खूब ...
शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.
रामराम.
शिव रात्रि मंगल मय हो पूनम जी
शिव रात्रि मंगल मय हो पूनम जी
अच्छी रचना
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
सच कहा .. अपने लिए जरूर समय होना चाहिए ... नहीं तो बाद में पछतावा होता है ...
खुद जियो और जीने दो दूसरों को
मान लो इस सत्य को
अपने लिये भी ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
सुंदर कविता।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं। पर ध्यान रहे, बदरंग न हो होली।
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apni khushi jab doosron ki khushiyon mein dhoond rahein ho tab ??
सही बात,दुनियादारी तो जीवन ही है..
कुछ वक्त अपने लिए भी चाहिए सुकून के...
सुन्दर रचना..
:-)
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