शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

सोलहवां सावन




अभी अभी किसी ने

चुपके से आकर ख्वाबों में

मेरे दिल के दरवाज़े

पर दस्तक दी

लगा दिल कुछ कहना चाहता है

पर मैं समझ नहीं

पा रही हूँ शायद।

दिल में मची है एक अंजानी सी

पर मीठी मीठी सी हलचल

कभी गुदगुदी सी लिये

कभी प्यारा प्यारा सा अहसास।

दिल ना जाने किन

खयालों में खोने लगा है

तरह तरह के सपने

ख्वाबों में तैर से रहे हैं

मन कुलांचे मारने की

कोशिश कर रहा है।

मन को अच्छा लगता है

जी करता है कि

पाँव को बना लूँ पँख

और उड़ जाऊँ

नील गगन के तले।

लहरों सी लहराऊँ

फ़ूलों सी इतराऊँ

रंगीं ख्वाबों की दुनिया में

जी भर कर सैर कर आऊँ।

कभी कभी मन में

इक कशिश सी उठती है

उसे जितना सुलझाना चाहती हूँ

वो उतना ही उलझती जाती है।

नींद से जाग जाग

उठकर बैठ जाती हूँ

ऐसे में लगता है

दिल की बातें कह दूँ

पर किससे?

क्या किसी को अपने

मन का मीत बनाऊँ

पर कौन?

कोई अनजाना या अनजानी सी डगर

जो दस्तक देकर

दिल से बार बार कहती है

चलो, किसी को अपना हमराज़ बना लूँ

दिल की बातें उसको बतलाऊँ

तनहाई में बस

उससे ही बतियाऊँ।

थोड़ी घबराहट सी है

पर वो जी को बहुत ही भाता है

किसी अनजानी डोर से

खिंची चली जा रही हूँ।

शायद कोई है जो

मुझे आवाज़ दे रहा है

वो अनजाना सा है

पर लगता बरसों पहचाना सा है।

कहीं वो वही तो नहीं

जो मेरे ख्वाबों में पल रहा है

जिसे कहते हैं लोग

की लग गया सोलहवां सावन…।

000

पूनम

30 टिप्‍पणियां:

  1. वाह भाई वाह ||
    मजा आ गया --
    हमें भी आनंदित किया इस प्रस्तुति ने ||
    बहुत-बहुत बधाई --
    जो मन को किंचित पढ़ पाई ||

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  2. आदरणीय पूनम जी
    नमस्कार !
    वाह कितना सुन्दर लिखा है आपने, बहुत सुन्दर जवाब नहीं इस रचना का........ बहुत खूबसूरत.......

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  3. कहीं वो वही तो नहीं जो मेरे ख्वाबों में पल रहा है जिसे कहते हैं लोग की लग गया सोलहवां सावन…।

    मन को छू लेने वाली कविता लिखी है आपने। बधाई।

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  4. मन को छू लेने वाली सुंदर कविता ~!
    आपको बधाई और आपके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं ~!

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  5. एक अपरिचित सा अहसास और उस पर विशवास ..... यह बना प्यार भरा मधुमास ...इस तरह बना रहे यह प्यारा सा अहसास ....भावनाओं का सहज सम्प्रेषण , कविता की शैली और प्रस्तुतीकरण इसे और भी ग्राह्य बना गया ....आपका आभार

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  6. आदरणीया पूनम जी दिलमें जो भी आये वह करलेना चाहिए औए उस पर सोलहवा सावन ..वाह क्या बात है सुंदर अभिव्यक्ति, बधाई..

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  7. सावन की झडी के बीच सोलहवें सावन की चर्चा, क्‍या बात है।

    ------
    जीवन का सूत्र...
    NO French Kissing Please!

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  8. सावन का महीना जो शुरू हो गया है

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  9. वाह
    पुराने दिन याद आ गए
    बेहतरीन रचना

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  10. क्या बात है। सामयिक रचना।
    बहुत सुंदर
    बधाई

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  11. कोई वहाँ आवाज दे रहा,
    या सावन में गूँज भरी है।

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  12. Love the imagery... and right now its raining here at my place so the enjoyment doubled :)

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  13. Adarniya Poonam ji,
    Namskar !

    Sach batau dil ko chhu liya is prastuti ne..!

    Aur sone par suhaga.... aj sawab ka pahla din hai.

    Man ko chhuit is rachna ke liye ... apko ko Hardik badhai.

    RAVI RAJBHAR

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  14. कहीं वो वही तो नहीं
    जो मेरे ख्वाबों में पल रहा है
    जिसे कहते हैं लोग
    की लग गया सोलहवां सावन…।
    is line ne bahut gahre tak chhu liya.

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  15. सावन के माध्यम से सब कुछ कह जाना मन को भा गया . सुँदर भावप्रवण कविता .

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  16. काश ऐसा हो जिसे हम सब कुछ बता सकें ....
    काश ..
    शुभकामनायें आपको !

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  17. कविता में सोलहवें सावन की गुदगुदी पाठकों को अवश्य गुदगुदा रही है। साधुवाद।

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  18. solahve savan ke ehsas bane rahe aajanm isee shubhkamnao ko sweekaro.
    Ab kaisee ho?
    apana dhyan rakhana.

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  19. वैसे तो मैं पहले भी यह रचना पढ चुका हूं, पर आज सावन का पहला सोमवार होने से मैने आफिस के कई मित्रों को यह रचना पढने को कहा। सभी को बहुत अच्छा लगा।

    और हां मुझे पता चलाहै कि आपको मेरे ब्लाग पर आने में कुछ असुविधा हो रही है। मैने यहां सारी चीजें देखीं सब ठीक है। अगर कोई मुश्किल हो रही हो तो प्लीज मुझे मेल करें या फिर एसएमएस

    srivastava.mahendra@yahoo.co.in

    or

    09871096626

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  20. खूबसूरती से उकेर दिया है सोलहवां सावन ... सुन्दर प्रस्तुति

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  21. वाह ...बहुत ही बढि़या लिखती है आप ...।

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  22. सोलहवां सावन ko bahut khoobsurti se ukera hai aapne...
    Haardik shubhkamnayen!

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  23. सुन्दर और सटीक प्रस्तुति .

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  24. पर लगता बरसों पहचाना सा है।



    कहीं वो वही तो नहीं

    जो मेरे ख्वाबों में पल रहा है

    जिसे कहते हैं लोग

    की लग गया सोलहवां सावन…।
    bahut hi badhiya ,shayad ho wahi .....sundar

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  25. बहुत सुन्दर कविता पूनम जी ,,,,, बहुत सी यादो को वापस ले आई .. बधाई हो जी,.

    आभार
    विजय
    -----------
    कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

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