(एक)
वह मशक्कत कर रहा
था जी तोड़
सिर्फ़ दो जून की रोटी
के लिए
बदले में पाता था
वह कम पैसे और
ज्यादा मांगने पर
गालियां बेशुमार।
000
(दो)
वो बेशर्म हो के
निकली आज
अपने घर से
कल तक जिसे हम
हया रूप कहते थे।
000
(तीन)
उसकी पेशानी पर
पड़ रही थी
धूप की रुपहली
किरणें जिन्हें वह
अपनी मुटठियों में बंद करने की
कोशिश कर रहा था
भान नहीं था उसे कि
वह एक छालावा है।।
000
(चार)
खेल खेल रहा था
वो आग से
मौत का कुआं
जिसमें वह कूद रहा था
अपनी जिन्दगी को
दांव पर लगाकर
अपने परिवार की
पेट की आग
बुझाने के लिये
पर वाह री तकदीर
आग उसकी जिन्दगी से खेल गई।
000
(पांच)
रात के गहन सन्नाटे में
मैं सोते से
जाग पड़ी किसी की
सुनकर चीख
पर वो अंधेरे
में ही
दबा दी गई।
000
(छः)
देख आसमानी
फ़िजाओं को तेरी
याद आती है बहुत
जाने कब ये अपना
रुख बदल दे
जल्दी से आ
जाओ ना।
000
पूनम
दूर से आया पवन का एक झोका
जवाब देंहटाएंइंन कुरीतियों को हमने भी देखा
पढकर रचनाओ को मन भर गया
अच्छी क्षणिकाओ का सुंदर झरोखा..
लाजबाब प्रस्तुति ....
नए पोस्ट पर स्वागत है ...
सभी क्षणिकाएं बेहतरीन ....
जवाब देंहटाएंbahut sunder kshanikayen.
जवाब देंहटाएंbadhai
rachana
अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
पूनम जी सभी क्षणिकाएं हमारे समाज के एक हिस्सा को आइना दिखा रही हैं | बहुत सुंदर बधाई
जवाब देंहटाएंबड़ी ही सुन्दर और संवेदनशील कविताये..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंवाह! वाह! वाह! पूनम जी
जवाब देंहटाएंबस 'वाह! वाह! वाह!जी.
देख आसमानी फ़िजाओं को
तेरी याद आती है
बहुत जाने कब
ये अपना रुख बदल दे
जल्दी से आ जाओ ना।
आपकी सुन्दर अनुपम प्रस्तुति पर टिपण्णी करने
के लिए और शब्द नही हैं मेरे पास.
आभार.
sabhi shanikayen badhiya hain..
जवाब देंहटाएंlast wali jayada achchi lagi..
jai hind jai bharat
प्रत्येक क्षणिकाओं की अपनी एक गहराई है
जवाब देंहटाएंइन लघु कविताओं में बड़े-बड़े संदेश निहित हैं।
जवाब देंहटाएंसभी क्षणिकांए एक से बढकर एक
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
bahut sundar laghu kavitayen
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर एवं बहुत ही मार्मिक रचना सच में अब तो कोई सार्थक कदम उठाया ही जाना चाहिए बाल मजदूरी के खिलाफ ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना ..
जवाब देंहटाएंकवितायें लघु हैं या संवेदनाओं का सघन कैप्स्यूल?
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से लघु कविता लिखना लम्बी कविता लिखने से ज्यादा कठिन काम होता है!
behtreen
जवाब देंहटाएंक्षणिकाओं में छुपे गहन सन्देश ..बहुत अच्छी प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंसभी एक से बढ़कर एक.
जवाब देंहटाएंnice..
जवाब देंहटाएंbeautiful..
excellent...
सारी क्षणिकाएँ बहुत ही भावपूर्ण दिल को सीधे छूती है और एक सार्थक सन्देश भी देती है.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई पूनम जी इस सुंदर प्रस्तुति के लिये.
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
संवेदनशील रचनाएं...
जवाब देंहटाएंभीतर घर सी करती हुई...
सादर बधाई...
बेहद संवेदनशील क्षणिकाएं हैं सब.अंतर्मन पर असर करती सी.
जवाब देंहटाएंEakse badhkar eak...bahut 2 badhai...
जवाब देंहटाएंसभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर लगा! बेहतरीन पोस्ट!
जवाब देंहटाएंमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
पर वाह री तकदीर
जवाब देंहटाएंआग उसकी जिन्दगी से खेल गई।
और
जाग पड़ी
किसी की सुनकर चीख
पर
वो अंधेरे में ही
दबा दी गई।
सारी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक ..बधाई हो पूनम जी !
बेहतरीन रचनाएँ !
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
पूनम जी - मेहनत और मजदूरी ही इन गरीबो की रोटी है ! काश इनके लिए कुछ करने वाले , कुछ कर पाते ! समयाभाव की वजह से आप के ब्लॉग पर रेगुलर नहीं आ पाता हूँ ! क्षमाप्रार्थी हूँ ! बहुत ही सुन्दर और सच्चाई की पोल खोलती कविता !बधाई
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar gahan bhav liye marmsparshi kshanikayen prastuti hetu aabhar!
जवाब देंहटाएंbahut sundar ..kavitayen poonam ji...
जवाब देंहटाएंghare socho ke samander se uthti hui lehre mano sunder kshanikayen.
जवाब देंहटाएंप्रिय पूनम जी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
अतिसुंदर!
जीवन को मन के दर्पण से देखने में एक पीडा होती है पर वो ही तो जीवन का यथार्थ है!
मन को छू लेने वाली क्षणिकाएं!!
बहुत-बहुत शुभकामनाएं..
सारिका मुकेश
आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । सादर।
जवाब देंहटाएंAapka blog mujhe apni or khichta hai. Gahan lekh, dil ko chu jate hai...
जवाब देंहटाएंSabhi sundarta se prastut ki gayi hai. Dhanyawaad.
Shubh Din:)
पूनम जी,..आपका मेरे नए पोस्ट-वजूद-में
जवाब देंहटाएंस्वागत है ..
बड़ी ही सुन्दर प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंbahot pasand aayee......sab ki sab.
जवाब देंहटाएंaap mere blog par aayi aur comment dekar aapne mera jo utsah badaya hai...apka hardik..aabhar...
जवाब देंहटाएंसभी बहुत प्रभावी ... गहरी क्षणिकाएं हैं सभी ...सच को लिख रही हैं ...
जवाब देंहटाएंसारी क्षणिकाएँ बहुत ही भावपूर्ण पूनम जी
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत अच्छी क्षणिकाएँ । बधाई ....
जवाब देंहटाएंपूनम जी ..बहुत सुन्दर रचना ...सभी विषय मुद्दों को शामिल करती ..चिंता भी होती है बाल जगत के साथ खिलवाड़ देख... ..बाल दिवस पर शुभ कामनाएं - हमारे सभी प्रिय बच्चों को भी बाल दिवस की बहुत ढेर सारी -इत्ती सी शुभ कामनाएं --रोशन करो इस जग को ये जहां तुम्हारा है -
जवाब देंहटाएंबहुत सारा प्यार
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
Came here to read your next offering, still not disappointed, as this one was worth a second read. Have a fantastic day:)
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी और प्रभावी क्षणिकाएँ ...
जवाब देंहटाएंसमय मिले तो मेरे एक नए ब्लाग "रोजनामचा" को देखें। कोशिश है कि रोज की एक बड़ी खबर जो कहीं अछूती रह जाती है, उससे आपको अवगत कराया जा सके।
जवाब देंहटाएंhttp://dailyreportsonline.blogspot.com
सुंदर रचना ....हार्दिक बधाई
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