गुरुवार, 17 मई 2012

अजन्मी पुकार


सुन रही थी मां पिता की बातें वो
अधखिली कली जो अजन्मी थी।

नन्हां सा उसका दिल धड़क रहा था
भीतर ही भीतर वो चीत्कार रहा था।

मां बाप ने उसको जब से
जनम न देने की ठानी थी।

विनय कर रही रो कर मां से
मुझको इस दुनिया में आने का हक़ दो।

जग के कहने पर ना जाओ
ये अन्याय न मां तुम होने दो।

बेटे बेटी में भेद ये कैसा
मां तुम अपने अन्तर्मन से पूछो।

मिट जाएगा ये झूठा भरम तुम्हारा
पाकर इक दिन जब तुम मुझपे नाज करोगी।

जनम देने की अधिकारी हो तुम
हत्यारिन मत कहलाना तुम।

ये मुझको स्वीकार न होगा
यूं तुम ना मुझको ठुकराओ मां।

बस इक बार जनम लेने दो मां
बस इक बार जनम लेने दो मां।
-----
पूनम

24 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

आदरणीय पूनम जी
नमस्कार !
बस इक बार जनम लेने दो मां बस इक बार जनम लेने दो मां।
.....अजन्मी बेटी की करुणामयी पुकार..... हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ
संवेदनशील रचना अभिवयक्ति.....!

संजय भास्कर

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत ही सुंदर भावअभिव्यक्ति,....

जनम देने की अधिकारी हो तुम
हत्यारिन मत कहलाना तुम।
बस इक बार जनम लेने दो मां। -

MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,

amit kumar srivastava ने कहा…

व्यथित करती पंक्तियाँ, परन्तु सच भी तो यही है |

Roshi ने कहा…

bahut hi marmik aur satya kaha hai............

Anupama Tripathi ने कहा…

मार्मिक ...मन छू गई ...

Shikha Kaushik ने कहा…

poonam ji -bahut mamrmikta ke sath rachi hai ye rachna .aabhar

like this page and wish indian hockey team for london olympic

सूबेदार ने कहा…

man ko chhu jane wali kabita .
bahut bahut dhanyabad.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हर बिटिया को जन्म मिले..

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

काश कोई सुन ले उसकी पुकार.................

सशक्त रचना.

सादर.

सदा ने कहा…

मन को छूते शब्‍दों का संगम है यह अभिव्‍यक्ति ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अजन्मी की पुकार सुन लें माता - पिता

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
लिंक आपका है यहीं, मगर आपको खोजना पड़ेगा!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!

vandana gupta ने कहा…

मार्मिक रचना

रविकर ने कहा…

मार्मिक |

सशक्त प्रस्तुतीकरण ||

विभूति" ने कहा…

प्रभावित करती रचना .
..

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

bahut hi maarmik kavita !
isi bhavna ke sath maine bhi ek kavita 'ajanmi ki pukar' likhi thi .
http://www.bebkoof.blogspot.in

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

दिल को छु लेनेवाली रचना..
मार्मिक प्रस्तुति ...

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

Vaanbhatt ने कहा…

मार्मिक...हृदयस्पर्शी...

प्रेम सरोवर ने कहा…

जनम देने की अधिकारी हो तुम
हत्यारिन मत कहलाना तुम।

संवेदनशील पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आपकी प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Bahut maarmik ... Aankhe nam ho gayee is rachna ko padh ke .. Ajanmi beti ki maarmik Guhar ...

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट "कबीर" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद।

Ankur Jain ने कहा…

व्यथित करती पंक्तियाँ...परन्तु मार्मिक अभिवयक्ति