टालमटोल टालमटोल
सब करते हैं टालमटोल।
भैया से पूछूं तो कहते
अभी बताता हूं पहले तू
ठंढा पानी दे के मुझको
चाय में थोड़ी चीनी घोल
टालमटोल------------।
दीदी से कुछ बात करूं तो
प्यारी सी एक चपत लगाती
हाथ पकड़ चक्कर लगवातीं
फ़िर कर जाती बातें गोल
टालमटोल------------।
सारे दिन चौके में अम्मा
रोटी बेला करतीं गोल
पूछूं ये बनती है कैसे
तो हंस के कहतीं ज़रा कम बोल
टालमटोल--------------।
पेपर पर बाबू की नजरें
पढ़ती दुनिया का भूगोल
बोलूं इसमें क्या है ऐसा
कहते अक्ल के ताले खोल
टालमटोल------------।
मेरे मन में कई सवाल
पर मिला न कोई सही जवाब
दोस्त जरा तुम ही बतलाना
बातो का हमारी क्या है मोल
टालमटोल टालमटोल
सब करते हैं टालमटोल।
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पूनम
11 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर,बाल गीत के लिए बधाई,,,,
Recent post: रंग,
सचमुच बड़ी समस्या,
नहीं दीखता ठौर,
कर दो टालमटोल।
कहते अक्ल के ताले खोल !
वाह ..
सरल शब्दों में रची सादगीपूर्ण बेहतरीन रचना ... बधाई
बढ़िया बाल-गीत!
pyara sa nanhe ka geet
shubhkamnayen
बहुत ही सुन्दर बाल-कविता । बधाई ।
बहुत ही सुन्दर बाल-कविता । बधाई ।
बहुत अच्छी कविता । बधाई । सस्नेह
बहुत सुन्दर बालगीत...
:-)
टाल मटोल का यह झोल
सुन्दर सुन्दर मस्त मस्त
आभार पूनम जी.
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