मंगलवार, 27 अगस्त 2013

हे कृष्ण

ऊधो जाय कहिये सब हाल
राधे संग सखियन बेहाल
जानत रह्यो जब जावन तुमको
काहे बढ़ायो मोह को जाल।

नजरें इत-उत डोलत हैं
मन कान्हा-कान्हा बोलत है
थकि गये हम टेरत- टेरत
नैना बाट जोहत हैं।

बचपन मां हम संग संग बाढ़े
मिल के रास रचायो खूब
बालपन में गोपियन संग
तूने नटखटपन दिखलायो खूब।

सुनने को तान मुरलिया की
तरसे बरसों हमरे कान
अब भी आके सुर बिखराओ
हे नटवर नागर हे घनश्याम।

होठों पे तेरे सजे बंसुरिया
अब मोहे तनिक भी भावे ना
वो तो पहिले की ही बैरन
अब तो सौतन सी लागे ना।

पर राधा तो तिहारी दिवानी
जो तुझको वो हमको भावे
जिया ना लागे मेरा तुझ बिन
तनिक भी पल कोई रास न आवे।

यादों में तुम हमरे बसे
जिया में हूक उठत है श्याम
तुम सारे जग के पियारे
पर मनवा हमरे बस तिहारो नाम।

बड़ी देर भई तेरी राह निहारे
अब भी दया दिखावत नाहीं
हमरी नगरिया कब अइहौ
बतला दो अब भी निर्मोही कन्हाई।
000
पूनम श्रीवास्तव



11 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत ही सुंदर रचना,,,पूनम जी,बधाई...

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सूबेदार ने कहा…

प्रथमतः जन्म अष्टमी को हार्दिक बधाई आपके पोस्ट पर बहुत दिन बाद आ रहा हु अच्छा लग रहा है आज आपकी रचना समसामयिक बहुत सुन्दर है बहुत-बहुत धन्यवाद-------.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
सभी पाठकों को चर्चा मंच परिवार की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बुधवार (28-08-2013) को रूपया छा-सठ में फँसा, उन-सठ से हैरान: चर्चा मंच 3051 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जय श्री कृष्ण मुरारी..

Rajendra kumar ने कहा…

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

sundar rachna...
janmastami ki badhai w shubhkamnayen..

Unknown ने कहा…

Radhe radhe...bahut sundar likha hai bahan....dheron shubhkamnayen.
Keshav Rajvanshi

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कृष्ण के प्रेम भाव में रची ... मन भावन ... सुन्दर रचना ...

Asha Joglekar ने कहा…

कृष्ण प्रेम में व्याकुल राधा और गोपियों का ऊधो को और कान्हा को उलाहना बडा ही प्यारा है।

सूबेदार ने कहा…

पूनम जी
भक्ति पूर्ण भगवन की भजन जैसे कबिता हेतु बहुत-बहुत बधाई
आप बहुत सुन्दर कबिता लिखती हैं कभ-कभी मुझे आपसे इर्षा होती है बहुत-बहुत धन्यवाद .