दिल के हाल का क्या कहिये
जब दिल ये अपना रहा नहीं।
नजरें तो चुरा गईं दिल मेरा
पर उनकी इनायत रही नहीं।
उनके सितम का क्या कहिये
जब करम अपनों पर रहा नहीं।
जब दिल ये अपना रहा नहीं।
नजरें तो चुरा गईं दिल मेरा
पर उनकी इनायत रही नहीं।
उनके सितम का क्या कहिये
जब करम अपनों पर रहा नहीं।
आंखों से अश्क बहाते रहे
पर दिल उनका पिघला ही नहीं।
यूं आंख मिचौली खेली बहुत
अब इतने बेगैरत हम भी नहीं।
आखिर हम भी तो इन्सां हैं
पत्थर ही सही न मोम सही।
आयेंगे दर पर बार-बार वो
हम भी उनसे कम तो नहीं।
==========
पूनम
पर दिल उनका पिघला ही नहीं।
यूं आंख मिचौली खेली बहुत
अब इतने बेगैरत हम भी नहीं।
आखिर हम भी तो इन्सां हैं
पत्थर ही सही न मोम सही।
आयेंगे दर पर बार-बार वो
हम भी उनसे कम तो नहीं।
==========
पूनम
15 टिप्पणियां:
bas thek thaak rachna hai...isse bahut behtar ho sakti hai...vichaar achhe shabd sanyojan itna sateek nahi
www.pyasasajal.blogspot.com
सुन्दर रचना के लिए,
पूनम जी को बधाई।
वाह क्या बात लिखी है............... हम किसी से कम नहीं............. उनके दर पर आते रहेंगे, अच्छी से भावों को उतारा है इस रचना में
इस बार अलग रंग में रची है आप की यह रचना.
भाव बहुत अच्छे हैं कुछ शेर बहुत अच्छे लिखे हैं ..
[मगर इन्हें थोडा और तुक्बद्नी में लिखा होता तो सोने पर सुहागा वाली बात होती कहने का अर्थ है कि या इसे एक ग़ज़ल बनाया जा सकता है अगर ग़ज़ल की व्याकरण को प्रयोग किया जाये..या फिर शब्दों के संयोजन में थोडा बदलाव कर के इन्हीं भावों seबहुत अच्छा गीत भी बन सकता है..]
आपने बख़ूबी जज़्बात बयाँ किये हैं
सुन्दर गजल..
प्यार को और उससे जुडी बैटन को बहुत गहराई से व्यक्त करती हुई....लाजवाब...............
दिल की बातों को आपने बखूबी गजल में पिरो दिया है। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मन को भा गई आपकी रचना...ऐसे ही लिखते रहें और हम आपकी रचना का लुफ्त उठाते रहेंगे...मैंने भी एक नई रचना डाली है आपका स्वागत है..
BADHAI........
bahut hi sunder rachna hai....
आयेंगे दर पर बार-बार वो
हम भी उनसे कम तो नहीं।
आत्मविश्वास ऎसी कि विश्वास न हो. बहुत खूब
i agree with alpana varma....
भाव बहुत अच्छे हैं कुछ शेर बहुत अच्छे लिखे हैं ..
[मगर इन्हें थोडा और तुकबन्दी में लिखा होता तो सोने पर सुहागा वाली बात होती|कहने का अर्थ है कि इसे एक ग़ज़ल बनाया जा सकता है,अगर ग़ज़ल की व्याकरण को प्रयोग किया जाये..या फिर शब्दों के संयोजन में थोडा बदलाव कर के इन्हीं भावों से बहुत अच्छा गीत भी बन सकता है..]
बख़ूबी जज़्बात बयाँ किये हैं!!!
बहुत ही ख़ूबसूरत ओर शानदार रचना लिखा है आपने!
umda lekhni...!!
lajawwb andaaj hai aapka, kuch der ke liye jajbaati ho gaye hum padhkar,,,,,,kamana, mumbai,
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