शनिवार, 27 जून 2009

सत्य के पर्याय


सच्चाई के आज मायने बदल गये,
सच पर झूठ के ताले पड़ गये।

कानून की आंख पर पट्टी बंधी,
हाथ भी रिश्वत की तराजू में तौल गये ।

पैसों के बोझ तले गुनहगार बच गये,
बेगुनाह आज देखो गुनहगार बन गये।

अपराधी दण्डित हों पर बेगुनाह न सजा पाये,
कानून की किताब से ये शब्द हट गये।

सत्य को बचाने में जो कदम आगे बढ़े,
वो झूठ और फ़रेब के दलदल में फ़ंस गये।

सत्यमेव जयते के अर्थ कहीं खो गये,
बेईमानी धोखाधड़ी आज सत्य के पर्याय बन गये।
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पूनम

12 टिप्‍पणियां:

Vinay ने कहा…

सत्य मेव जयते, अंतत: यही सत्य है।

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चर्चा । Discuss INDIA

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जिनके मन में रची बसी,
गोरों की काली है भाषा।
कैसे समझेंगे गांधी की,
सत्य-विजय की परिभाषा।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सत्य को बचाने में जो कदम आगे बढ़े,
वो झूठ और फ़रेब के दलदल में फ़ंस गये।

सत्यमेव जयते के अर्थ कहीं खो गये,
बेईमानी धोखाधड़ी आज सत्य के पर्याय बन गये।

sachmuch आज सब paribhaashaayen बदल गयी हैं............. saty बस kitaabon के लिए रह गया है
लाजवाब लिखा है

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

पैसों के बोझ तले गुनहगार बच गये,
बेगुनाह आज देखो गुनहगार बन गये।

वाह..... पूनम जी क्या खूब चोट की है नोटों से खेलने वालों पर .....बहुत खूब.....!!

सत्य को बचाने में जो कदम आगे बढ़े,
वो झूठ और फ़रेब के दलदल में फ़ंस गये।

दिल से निकली आह ......!!

सुशीला पुरी ने कहा…

sundar..........sahas bhara.

रानी पात्रिक ने कहा…

सत्य को बचाने में जो कदम आगे बढ़े,
वो झूठ और फ़रेब के दलदल में फ़ंस गये।

यहीं प्रगति मात खा गयी। सत्य को बहुत ही सुन्दर शब्दों में व्यक्त किया है। आभार।

Urmi ने कहा…

मुझे आपकी ये कविता बेहद पसंद आया! आपकी लिखी हुई इस कविता का हर एक लाइन सच्चाई बयान करती है! आपने बिल्कुल सही कहा है कि सत्यमेव जयते का अर्थ सचमुच कहीं खो गया है! एक बेहतरीन कविता लिखने के लिए बधाई!

प्रकाश गोविंद ने कहा…

सच्चाई के आज मायने बदल गये,
सच पर झूठ के ताले पड़ गये ।


आज की सच्चाई को बयां करती रचना !
अच्छी लगी !


जरूरत स्वयं को टटोलने की भी है कि हम इसके लिए कितने जिम्मेदार हैं !

शुभकामनाएं !!!

आज की आवाज

sandhyagupta ने कहा…

Apni rachna ke madhyam se ek kadva sach ujagar kiya hai aapne.Likhte rahiye.

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

जीवन केsatya को उजागर करती आपकी धारदार रचना बहुत सुन्दर
प्रदीप मनोरिया
09425132060

Sajal Ehsaas ने कहा…

aapki soch kabil-e-tareef hai

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

aaj ki sachchayi ko ujaagar karati bahut saarthak rachna hai..badhai