कई दिनों से ढूंढ़ रही हैं
मेरी नजरें उनको
और मन ही मन में
याद कर रही हैं
बहुत ज्यादा
पर वो हैं कि
नजर आते ही नहीं।
माना कि हमने भी
किया उनको
बहुत नजर अन्दाज़
इस बीच कई बार
उन्होंने कोशिश भी की
आने की
पर मैं आगे नहीं बढ़ पाई।
यूं तो कई बार
लगा कि उन्होंने
दिल के दरवाजे पर दस्तक दी और
जब तक
मैं उन्हें पुकारती
वो गायब हो जाते।
हद है—ऐसी भी
निठुरता अच्छी नहीं
अब तो
वापस आ भी जाओ ना---
ओ मेरे शब्दों--------।
000000
पूनम
37 टिप्पणियां:
कभी कभी नहीं आते शब्द बार बार बुलाने पर भी......
Shabdon ko dil ke gahre ehsaason se bulaao to jaroor aayenge ... Vo Kathleen nahi jaate bas hum hi unko bhool jate hain ...
bahut dino baad aapka likha kuch padha... :)
बेहतरीन रचना,लाजबाब प्रस्तुतीकरण..
बहुत दिनों बाद आपकी लेखनी पढ़ने को मिली बहुत अच्छा लगा,....
...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
कभी कभी शब्द भी यूँ ही खेलते हैं आंखमिचौली हमारे साथ !
सुन्दर अभिव्यक्ति !
सारे शब्द एकत्र हो कविता का रूप ले जन्म लेंगे आपके हृदय से |
सुन्दर भावमयी रचना ।
खूबसूरत अहसास लिए हुए...
bahut achhi rachna
shubhkamnayen
दोनों तरफ आग लगी रहती है
दिल की तमन्ना दिल में रहती है
एक टिस मन में सदा बसी रहती है
पूनम!
शब्दों ने सुन ली है, वे लौट आये हैं.. आखिर कब तक कोइ स्वर या शब्द दूर रह सकता है अपने सर्जक से.. और परिणाम है यह कविता बहुत ही मधुर!! शब्दों को वापस लौटाने का धन्यवाद!! बस यूं ही सजाते रहिये उन्हें!!
क्या आपकी उत्कृष्ट-प्रस्तुति
शुक्रवारीय चर्चामंच
में लिपटी पड़ी है ??
charchamanch.blogspot.com
अनुपम भाव संयोजन ।
poonam aapne bulaya aue dekhiye shavd chale bhee aae .....
:)
kaisee ho
ओह...खोये ही कहाँ हैं?/देखिये तो कितनी सुंदरता से तो आये हैं.
कई दिनों से ढूंढ़ रही हैं
मेरी नजरें उनको
और मन ही मन में
याद कर रही हैं
बहुत ज्यादा
पर वो हैं कि
नजर आते ही नहीं।
सही कहा है मै भी कई दिनों से
ढूंड रही हूँ .......सुंदर अहसास है !
सुन्दर शब्दावली,
शब्द ढूढ़ने मैं भी निकला...
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज charchamanch.blogspot.com par है |
ओ मेरे शब्दों.....
वाह! क्या बात है.
आप आयीं भी तो अभूतपूर्व धमाके के साथ.
'आ जाओ ना...' पढकर हृदय आनन्दित हो गया है.
आप वापिस आईं इसकी मुझे बेहद खुशी है.
ईश्वर आपको सदा ही खुश व् स्वस्थ रखें.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा.
sundarta se ki gayee manuhar...aur shabd vapas aaye to apni sari khoobsuarati samete hue...
.
अनोखा अंदाज़ !
काबिले-तारीफ़ रचना !
शब्द हो जाने को किसका मन न करेगा …
:)
बहुत सुंदर प्रस्तुति !
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
पूनम जी ..आप बहुत दिनों बाद लौटी है ! यादो और खवाबो की परछाई बिखेरती कविता ! बधाई
शब्द बार बार बुलाने का आह्वाहन बहुत सुंदर लगा. बधाई.
एक अलग अंदाज में सुंदर प्रस्तुति....... प्यार भरा कोमल एहसास.
पुरवईया : आपन देश के बयार- कलेंडर
lajabab prastuti vyatha aur virah ka sundar sanyojan ...badhai poonam ji
हद है—ऐसी भी
निठुरता अच्छी नहीं
अब तो
वापस आ भी जाओ ना---
ओ मेरे शब्दों--------।
....सच ज्यादा निष्ठुरता भली नहीं......
बहुत बढ़िया मनोभाव..
kya baat hai poonam :)
सुन्दर रचना ,लाजवाब प्रस्तुति ..
kab tak ruthenge ye shabd aap jaise vidushi se . aakhir unhe bhi to sammaniy thaur chahiye.
बहुत खुबसूरत रचना ||
लाज़वाब प्रस्तुति ||
निठुरता अच्छी नहीं
अब तो
वापस आ भी जाओ ना---
ओ मेरे शब्दों--------।
kya sahi likha shbd kabhi kabhi bahut aankh michaouli khelte hain
rachana
मुझे पता चला है कि आज आपका जन्मदिन है.
मेरी तरफ से आपको जन्मदिन कि बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.आप सदा ही प्रसन्नचित्त और स्वस्थ रहें यही दुआ और कामना करता हूँ.
itne pyar se bulaya hai....zaroor wapas aayenge.
sahi kha poonam ji kabhi kabhi shabd kahin kho se jate hain .....
गहरे भाव।
सुंदर रचना।
सच बड़े निर्मोही है....
आते तो सुन्दर सृजन करती...
सुन्दर भाव,,,
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