जला जला कर खुद को,खाक करते हो क्यूं।
ज़िन्दगी अनमोल खजाना,जीना तो सीख लो।
देख कर औरों की खुशियां कुढ़ते हो क्यूं
गैरों की खुशी में भी,हंसना तो सीख लो।
रास्ते मंजिलों के,आसान ढूंढ़ते हो क्यूं
मुश्किलों का सामना,करना तो सीख लो।
छूने
को आसमान की हद,कोशिश करो जरूर
पहले
पांव को जमीं पर,जमाना तो सीख लो।
अपने
को गैरों से,ऊंचा समझते हो क्यूं
एक
बार खुद को भी कभी,आंकना तो सीख लो।
तक़दीर
को ही हर कदम पर,कोसते हो क्यूं
रह
गई कमी कहां पे है,जानना तो सीख लो।
कर
के भरोसा दूसरों पे,पछताते हो क्यूं
बस
हौसला बुलंद करना,खुद का तो सीख लो।
बात
सिर्फ़ इतनी सी है,जीवन फ़कत पाना ही क्यूं,
खोना
भी पड़ता है बहुत,सब्र करना तो सीख लो।
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पूनम