जिंदगी का हर लुत्फ़ तू
उठाये जा उठाये जा
कब हो जाए ये बेवफा
हर लम्हा तू जिए जा,तू जिए जा।
जिंदगी चाहत भी है
मोहलत भी है जिंदगी
जिंदगी खुदा की इनायत
इबादत तू किए जा,तू किए जा।
जिंदगी के दो पहलू
कभी खुशी कभी गम कहीं
वास्ता दोनों से तेरा
हंस के तू निभाए जा ,तू निभाए जा।
जिंदगी की बिसात पर
मौत की चादर तनी
जीत जायेगी जिंदगानी
मौत को तू हराए जा,तू हराए जा.
************
पूनम
उठाये जा उठाये जा
कब हो जाए ये बेवफा
हर लम्हा तू जिए जा,तू जिए जा।
जिंदगी चाहत भी है
मोहलत भी है जिंदगी
जिंदगी खुदा की इनायत
इबादत तू किए जा,तू किए जा।
जिंदगी के दो पहलू
कभी खुशी कभी गम कहीं
वास्ता दोनों से तेरा
हंस के तू निभाए जा ,तू निभाए जा।
जिंदगी की बिसात पर
मौत की चादर तनी
जीत जायेगी जिंदगानी
मौत को तू हराए जा,तू हराए जा.
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पूनम
10 टिप्पणियां:
nice poesy and feelings, could fully understand Hindi, nice blog
जिंदगी के दो पहलू
कभी खुशी कभी गम कहीं
वास्ता दोनों से तेरा
हंस के तू निभाए जा ,तू निभाए जा।
.........बहुत सुंदर रचना............यह पंक्तियाँ मुझे खासतौर से पसंद आयीं।
वाह-वाह बहुत बढ़िया
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चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
जिंदगी चाहत भी है
मोहलत भी है जिंदगी
जिंदगी खुदा की इनायत
इबादत तू किए जा,तू किए जा।
.....waah
जिंदगी के दो पहलू
कभी खुशी कभी गम कहीं
वास्ता दोनों से तेरा
हंस के तू निभाए जा ,तू निभाए जा।
पूनम जी ,बहुत अच्छे भाव हैं इस काविता में.
जीवन है ही छोटा -और ख़ुशी और ग़म का आना जाना तो लगा ही रहता है..बस चलते जाना है और हर हार को जीत में बदलते जाना है.
बहुत सुंदर रचना............
soch bahut sahi hai,ant ki panktiyaan zyada shashakt hai shuruvaat ke mukaable
Aapka blog bahut pasand aaya. Aapki kavitayen pasand aayeen sath men luknow ki yaden taza kar gayeen. Kaviton ke satth chitra bahut pasand aaye.
बहुत ही शानदार कविता!
जिंदगी के दो पहलू
कभी खुशी कभी गम कहीं
वास्ता दोनों से तेरा
हंस के तू निभाए जा ,तू निभाए जा।
its a very simple and sensitive interpretation of life cycle.. simply awesome..
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