बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

चर्चा


गांव शहर या नुक्कड़ पर,होती है दिन रात अब चर्चा

रहती थी जो खास कभी,बन गई ये आम चर्चा।

कल तक सामने बैठे जो किया करते थे गुफ़्तगू

उनमें है कुछ खटर पटर,बन गई ये आम चर्चा।

किसी की बिटिया सयानी,नहीं ब्याही गई अब तक

निगाहों में लगती अटकलें,बन गई ये आम चर्चा।

कोई मंजिलों से कूदा,तो किसी ने पटरी पे जान दी

कोई मुहब्बत में गया मारा,बन गई वो आम चर्चा।

पैसों के लालच में कोई,कितना हुआ अंधा

ईमान कैसे बिकता है,बन गई ये आम चर्चा।

नहीं बेटा किसी के घर में,सिर्फ़ बेटी हुयी पैदा

जीना उसका मुहाल करके,कर रहे सब आज चर्चा।

कहीं बिन बात के चर्चा,कहीं हर बात पे चर्चा

शगल में हो गया शामिल,सभी के खासो आम चर्चा।

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पूनम

23 टिप्‍पणियां:

amrendra "amar" ने कहा…

Her gali her mohalle me charcha e aam ho gyi
kal rat se koi apne gher nahi aaya

waise bhi yaha yahi hota hai sabko dusro ki jyda apni kamiyan kam dikhti hai..........
sarthak rachna ke liyebadhai

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

कोई मंजिलों से कूदा,तो किसी ने पटरी पे जान दी
कोई मुहब्बत में गया मारा,बन गई वो आम चर्चा।
बहुत अच्छी पंक्तियाँ ,इस सुंदर रचना के लिए बधाई,...
पूनम जी,मेरे पोस्ट पर आइये स्वागत है
MY NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
NEW POST ...फुहार....: फागुन लहराया...

vandana gupta ने कहा…

वाह क्या खूब कर दी है चर्चा पर चर्चा।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

चर्चाओं पर विश्व चल रहा है, सुबह से लेकर शाम तक..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

हर जगह चर्चा ही चर्चा .... और सारी की सारी आम चर्चा ...

ashish ने कहा…

चर्चा पुराण तो समाज का अभिन्न अंग बन गया है .

संजय भास्‍कर ने कहा…

चर्चा पर चर्चा
बहुत सुंदर ....धन्यवाद आपकी लेखनी को ....

कविता रावत ने कहा…

शहर हो या गाँव ..घर हो या मोहल्ला अगर चर्चाएँ न हो तो कितना सूना होगा संसार...
बहुत बढ़िया पोस्ट..

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

नहीं बेटा किसी के घर में,सिर्फ़ बेटी हुयी पैदा

जीना उसका मुहाल करके,कर रहे सब आज चर्चा।
उत्तम भावपूर्ण रचना !

Mamta Bajpai ने कहा…

कुछ तो लोग कहेंगे चर्चा की आदत जो है
अच्छी है आम चर्चा

Vaanbhatt ने कहा…

शहर को मुद्दे चाहिए...चर्चा के लिए...कुछ ना कुछ खोज ही लायेंगे...खूबसूरत रचना...

babanpandey ने कहा…

चर्चा ... कुछ आम होती है ...कुछ खास
सुन्दर..पोस्ट . होली की शुभ कामनाएं /
मेरे भी ब्लॉग पर आये

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

कहीं बिन बात के चर्चा,कहीं हर बात पे चर्चा

हमारी मानसिकता को लेकर करारी बात कहती रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

चर्चा की चर्चा भी लाजवाब रही ... चर्चाएं भी जरूरी हैं जीवन में ...

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

वाह, सुंदर चर्चा

Rachana ने कहा…

पैसों के लालच में कोई,कितना हुआ अंधा

ईमान कैसे बिकता है,बन गई ये आम चर्चा।
sahi hai aaj kal aesa hi hota hai
bahut khoob
rachana

G.N.SHAW ने कहा…

पूनम जी सचमुच में आज - कल लोगो के मुख से मुस्कान छिनती जा रही है ! होली की शुभ कामनाएं !

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥



आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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Satish Saxena ने कहा…

कहीं बिन बात के चर्चा,कहीं हर बात पे चर्चा...

रंगोत्सव पर आपको शुभकामनायें !

Asha Joglekar ने कहा…

परनिंदा परचर्चा ये तो हमारे जीवन में मनोरंजन के साधन हैं चाहे इससे दूसरा कितना ही क्यूं न दुखी हो ।

Shanti Garg ने कहा…

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना, शुभकामनाएँ।

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

sachchi tasvir khinchati hui achchhi prastuti............

Unknown ने कहा…

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना....