दिल में तूफ़ानों का सैलाब
है मगर
फ़िर भी होठों पर
हसीं-मुस्कान लिये हैं।
नाव मझधार में फ़ंसी है
मगर
फ़िर भी उम्मीदों की पतवार
लिये हैं।
शरीर थक रहा है धीरे धीरे
मगर
फ़िर भी अरमानों का आगाज
लिये हैं।
भीगी भीगी आंखों से देख
रही राह मगर
फ़िर भी वो आएगा या नहीं
इंतजार लिये हैं।
000
पूनम
12 टिप्पणियां:
उम्मीद पर दुनिया कायम है ... सुंदर प्रस्तुति
हर शब्द की आपने अपनी 2 पहचान बना दी क्या खूब लिखा है "उम्दा "
वहा वहा क्या खूब लिखा है जी आपने सुबान अल्ला
मेरी नई रचना
प्रेमविरह
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .दामिनी गैंगरेप कांड :एक राजनीतिक साजिश ? आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
बहुत लाजबाब सुंदर रचना,,,
Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,
गतिमय जीवन के लक्षण हैं,
हम स्थिर एकान्त जी रहे।
आशा की किरण में ही जीवन पल्ल्वित होता रहता है, बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
अच्छी रचना
बहुत सुंदर
बेहतर रचना ....!!!
दीपक की तरह प्रज्जवलित
मन को झंकृत करती रचना...
बधाई।
.............
सिर चढ़कर बोला विज्ञान कथा का जादू...
आनंद आनंद बहुत अच्छा अभूत
मेरी नई रचना
ये कैसी मोहब्बत है
अद्भुत,, शुभकामनाएं|
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