छुक छुक चलती रेलगाड़ी
पटरी पे दौड़े रेलगाड़ी।
दुनिया भर की सैर कराती
गांव बगीचे खेत दिखाती
धरती के हर रंग दिखाती
कड़ी धूप बारिश या ठण्ढक
कभी न रुकती रेलगाड़ी।
छुक छुक चलती रेलगाड़ी
पटरी पे दौड़े रेलगाड़ी।।
बच्चों को भाती रेलगाड़ी
सैर कराती रेलगाड़ी
अम्मा,बाबू,दीदी,भैया
गांव शहर के हर तबके का
वजन उठाती रेलगाड़ी।
छुक छुक चलती रेलगाड़ी
पटरी पे दौड़े रेलगाड़ी।।
गर्मी की छुट्टी में सबको
नानी दादी तक ले जाती
देश के हर कोने में
दौड़े
नदिया पर्वत पीछे छोड़े
सीटी बजाती रेलगाड़ी।
छुक छुक चलती रेलगाड़ी
पटरी पे दौड़े रेलगाड़ी।।
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पूनम
6 टिप्पणियां:
बाल अनुरूप कविता व लुभावना चित्र ।
छुक छुक चलती रेलगाड़ी
बहुत सुंदर बाल प्रस्तुति...!
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बहुत ही सुन्दर रेलगाड़ी, हमें भी पढ़ने में आनन्द आ गया।
बेहद खूबसूरत...
सुंदर प्रस्तुति.
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