अनजाना सपनों में कोई
अच्छा लगता है
अपनों में वो बेगाना भी
अच्छा लगता है।
अनदेखा है फ़िर भी वो
जाना पहचाना लगता है
अनजानी सी डगर पे चलना
फ़िर अच्छा लगता है।
लुका छिपी का खेल निराला
वो तितली की पकड़ा पकडी
गुड्डे गुडियों का ब्याह रचाना
अब बचकाना लगता है।
सखियों के संग समय बिताना
अच्छा लगता है
पर अकेले में मुस्काना भी
अब अच्छा लगता है।
दिल को तन्हाई का आलम
अच्छा लगता है
तस्वीरों से भी बतियाना
अच्छा लगता है।
दिल की बात बताऊँ जिससे
साथी ऐसा नहीं मिला
मिल जाता जो साथी मन का
अच्छा लगता है।
*********
पूनम
अच्छा लगता है
अपनों में वो बेगाना भी
अच्छा लगता है।
अनदेखा है फ़िर भी वो
जाना पहचाना लगता है
अनजानी सी डगर पे चलना
फ़िर अच्छा लगता है।
लुका छिपी का खेल निराला
वो तितली की पकड़ा पकडी
गुड्डे गुडियों का ब्याह रचाना
अब बचकाना लगता है।
सखियों के संग समय बिताना
अच्छा लगता है
पर अकेले में मुस्काना भी
अब अच्छा लगता है।
दिल को तन्हाई का आलम
अच्छा लगता है
तस्वीरों से भी बतियाना
अच्छा लगता है।
दिल की बात बताऊँ जिससे
साथी ऐसा नहीं मिला
मिल जाता जो साथी मन का
अच्छा लगता है।
*********
पूनम
16 टिप्पणियां:
अच्छी प्रस्तुति !!
कभी कभी यह अनजाने एहसास काफी रोमांचक अनुभव होते हैं!!
सबकी जिंदगी में आते हैं, ये अनदेखे अनजाने एहसास सच में कभी कभी अच्छे लगते हैं।
सुन्दर रचना, एक बेहतरीन सुंदर और सफल प्रयास
शुक्रिया
प्यार के सुकोमल भावनाओं का प्रस्तुतीकरण बहुत ही बढिया किया है......
मन का मीत
सभी को भाता,
क्योंकि स्नेह वह लेकर आता!
कोई चाहे
बसे ना बसे,
वह तो है मन में बस जाता!
poonamji...
bhavnao ki bahot sundar abhivyakti
बहुत खूब पूनम जी, उड़ान शानदार रही। आपके यहाँ आकर अच्छा लगा वैसे भी अपनी नाम राशि के लोगों से लगाव तो होता ही है। :)
पूर्णिमा वर्मन
अच्छी रचना के लिए बधाई
अनजाना सपनों में कोई
अच्छा लगता है
अपनों में वो बेगाना भी
अच्छा लगता है।
अनदेखा है फ़िर भी वो
जाना पहचाना लगता है
अनजानी सी डगर पे चलना
फ़िर अच्छा लगता है.....सुन्दर प्रयास....!!
ऐसी रचनाओं को पढ़ना अच्छा लगता है।
बधाई पूनम जी। आग्रह है कि मीटर की एक बार अपने से जाँच कर लें।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सुन्दर गीत... वाह!!
सादर बधाई...
बेहतरीन।
सादर
कोमल भावो का सुन्दर समन्वय्।
मुक्त गगन के आकर्षण में डूबा हो जब मन,
उड़ने को खुल जायँ पंख तब अच्छा लगता है !
आपकी इस पोस्ट पर आना अच्छा लगता है.
पढकर मन ही मन मुस्कुराना अच्छा लगता है.
आपकी उड़ान का अहसास करना अच्छा लगता है
दिल की बातें आपको बतलाना अच्छा लगता है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार,पूनम जी.
komal bhavo se saji pyarbhari
ati uttam rachana hai...
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