शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

वक्त की डोर


कहते हैं जो रात गयी

सो बात गयी ऐसा भी

कभी ही होता है

पर बात जो दिल में जाये उतर

क्या वो लाख भुलाये

भी भूलता है।

ये तो एक बहाना है

अपने मन को बहलाने का

वरना इतना आसान नहीं

जो धोखे पे खाता धोखा है

क्या दिल उसका

इसे मानता है।

है वक्त बड़ा मरहम सबसे

जो बड़े से बड़े घावों को

खुद ही भरता है

पर वो इन्सां करे ही क्या

जिसे वक़्त ही

धोखा देता है।

फ़िर दामन वक्त का जो

हर क्षण है हमसे जुड़ा हुआ

उसके बिन इशारे के

इस जीवन का

इक पत्ता तक

फ़िर नहीं हिल पाता है।

वक्त के संग संग चलना

मजबूरी नहीं जरूरत है

जो कदम मिला ले

वक्त के संग तो

वक्त भी हम कदम बन जाता है।

जीवन का पर्याय है वक्त

वक्त का मतलब ही जीवन है

सही जीवन तो वही

निभा पाता जो वक्त की

डोर से बंधता है।

000000000

पूनम

29 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं बधाई।

Amitraghat ने कहा…

"शुरू से अंत तक एक शानदार लयबद्ध कविता..
"
प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com

रानीविशाल ने कहा…

Bahut sunddar kavita vakt ki mahhta ko to batati hai vakt ke diye zkhamo ko bhi kureda hai aapne....bahut accha likha hai!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

मनोज कुमार ने कहा…

सीधे सीधे जीवन से जुड़ी रस कविता में नैराश्य कहीं नहीं दीखता । एक अदम्य जिजीविषा का भाव कविता में इस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ।

Apanatva ने कहा…

sahee baat yade sath hee rahatee hai.
वक्त के संग संग चलना मजबूरी नहीं जरूरत है
जो कदम मिला ले वक्त के संग तो
वक्त भी हम कदम बन जाता है।
bahut sunder abhivykti .Poonamji aabhar .

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता, जख्म कभी भरते है, वक्त के संग रिस्ते रहते है... लेकिन जिन्दगी के संग कदम से कदम मिला कर चलना पडता है, इस लिये हम भुलने का बहाना करते है

अनिल कान्त ने कहा…

achchhi kavita padhne ko mili

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

सच कहा आपने....जो बात दिल में लग जाती है.... वो फिर उतरती नहीं है... वक़्त सबसे बड़ा मरहम है...यही शाश्वत सच्चाई है....

वक्त भी हम कदम बन जाता है।


जीवन का पर्याय है वक्त

वक्त का मतलब ही जीवन है

सही जीवन तो वही

निभा पाता जो वक्त की

डोर से बंधता है।


बहुत सार्थक और सही पंक्तियाँ.... बहुत अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट.....

ज्योति सिंह ने कहा…

jindagi ki kuchh baaton pe sawaal uthati hui rachna ,main to ise padhkar yahi kahoongi ,jindagi vaad bhi hai apwaad bhi ,aapka kahna bhi sach hai ,har baat siddhant ke hisab nahi hoti ,jaisi paristhti aati hai saamna bhi usi tarah karna hota hai .umda

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 20.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत पसंद आई आपकी रचना.

दीपक 'मशाल' ने कहा…

वाह.. उम्दा कविता के लिए आभार आपका..

Urmi ने कहा…

हमेशा की तरह आपने बहुत ही सुन्दर रचना लिखा है जो काबिले तारीफ है! बधाई!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

ये तो एक बहाना है

अपने मन को बहलाने का

वरना इतना आसान नहीं

जो धोखे पे खाता धोखा है

क्या दिल उसका

इसे मानता है।


.......kai dilon ki dastaan

Rajeysha ने कहा…

सभी अपने आप में मशगूल हैं, दुनि‍यां के बारे में सोचने वाले तो वैसे ही बधाई और अभि‍नन्‍दन के हकदार हैं।

Ravi Rajbhar ने कहा…

Dil se likhi gae ..bahut hi sunder aur bhavpoorn rachna..bahdai

Akhilesh pal blog ने कहा…

bhoot achha hai dil baag baag ho gayaa

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

जीवन की सच्चाई बयां करती अच्छी रचना....

M VERMA ने कहा…

सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है।
जीवन को देखने का नज़रिया
जीवन जीने का यही है जरिया

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुती एक अच्छे भाव के साथ बधाई स्वीकारें

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जीवन का पर्याय है वक्त
वक्त का मतलब ही जीवन है
सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है।

आपने सही लिखा है ... जो वक़्त के साथ नही चल पाते ... जीवन में पीछे रह जाते हैं ... सही अर्थ में समय की पहचान और उसके साथ चलना ही जीवन है .....

संजय भास्‍कर ने कहा…

bahut sunder abhivykti .Poonamji aabhar

संजय भास्‍कर ने कहा…

जीवन का पर्याय है वक्त

वक्त का मतलब ही जीवन है

सही जीवन तो वही

निभा पाता जो वक्त की

डोर से बंधता है।


बहुत सार्थक और सही पंक्तियाँ.... बहुत अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट.....

Parul kanani ने कहा…

bas ye dor kabhi major na pade..

शरद कोकास ने कहा…

वक्त का मतलब ही जीवन है ..क्या खूब पंक्तियाँ है समय को परिभाषित करती हुई ।

Brajendra Kumar Gupta ने कहा…

बहुत अच्‍छी प्रस्‍तुति है ।

sandhyagupta ने कहा…

Aapki maa ke nidhan ka samachr pakr atyant dukh hua.Maa ka sthan is sansar me dusra koi nahin le sakta.

shama ने कहा…

सही जीवन तो वही

निभा पाता जो वक्त की

डोर से बंधता है।
Bahut khoob!

Akhilesh pal blog ने कहा…

bahoot khoob bahoot he achha