शनिवार, 29 मार्च 2014

ये भी तो कुछ कहते हैं-----

पड़ते कुल्हाड़े पेड़ों पर जब
उनके भी  आंसू बहते हैं
सोचो जरा इक बात तो आखिर
क्या वो भी हमसे कुछ कहते हैं?

जो हैं हमारे जीवन रक्षक
क्यूं हम उनके भक्षक बन जायें
जो जीवन को देने वाले हैं
उनके ही दुश्मन कहलायें।

काटने पर हम तुले हैं जिसको
शहर शहर और गांव गांव
आने वाले समय में फ़िर तो
मिलेगी न हमको उनकी छांव।

जो धरती का आंचल लहराये
पर्यावरण को सदा बचाए
धूप ठंढ बारिश को बचा के
मानव जीवन को हरसाए।

प्रकृति है जिससे हरी भरी
जो बादल से बारिश ले आते
जिनके कारण ही तो हम
नव जीवन हैं अपनाते।

आओ हम सब बच्चे मिल जाएं
फ़िर एक पेड़ न कटने पाये
जगह जगह पर पेड़ लगा कर
हरियाली वसुन्धरा पर लायें।
0000

पूनम

11 टिप्‍पणियां:

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

पर्यावरण की रक्षा में पेड़ पौधों का महत्त्व सर्वाधिक है!उनकी महत्त्व को रेखांकित करती सुन्दर रचना !
लेटेस्ट पोस्ट कुछ मुक्तक !

kuldeep thakur ने कहा…

***आपने लिखा***मैंने पढ़ा***इसे सभी पढ़ें***इस लिये आप की ये रचना दिनांक 31/03/2014 यानी आने वाले इस सौमवार को को नयी पुरानी हलचल पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...आप भी आना औरों को भी बतलाना हलचल में सभी का स्वागत है।


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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (30-03-2014) को "कितने एहसास, कितने ख़याल": चर्चा मंच: चर्चा अंक 1567 पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया पर्यावरणीय सन्देश देती रचना ..

आशीष अवस्थी ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रभाव डालता आपका लेखन , पूनम जी धन्यवाद !
नवीन प्रकाशन -: लोकल एरिया नेटवर्क क्या है ? - { What is a local area network ( L.A.N ) ? }

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

पर्यावरण के महत्त्व को रेखांकित करती सुन्दर रचना !
RECENT POST - माँ, ( 200 वीं पोस्ट, )

दिगम्बर नासवा ने कहा…

पेड़ों के महत्त्व को बाखूबी लिखा है आपने ...
ये इंसान के हित में ही है कि पर्यवाराम का ख्याल रखे और पेड़ों को उगाए ...

कौशल लाल ने कहा…

सुन्दर रचना ....

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

एक सम्वेदनशील विषय पर सम्वेदनशील रचना!!

RAdhika ने कहा…

sabhi is baat ko sweekaren ki ped hamaare liye kitne aawashyak hain toh dhara ka roop hi badal jaaye...

संजय भास्‍कर ने कहा…

सम्वेदनशील विषय पर मन के भाव को शब्दों में लिखा है ...!!!