शनिवार, 24 जनवरी 2009

बेटियाँ


सूरज से हैं तेज बेटियाँ,
चाँद की शीतल छाँव बेटियाँ,
झिलमिल तारों सी होती हैं,
दुनिया को सौगात बेटियाँ।

कोयल की संगीत बेटियाँ,
पायल की झंकार बेटियाँ,
सात सुरों की सरगम जैसी,
वीणा की वरदान बेटियाँ।

घर की हैं मुस्कान बेटियाँ,
लक्ष्मी का हैं मान बेटियाँ,
माँ बापू और कुनबे भर की,
सचमुच होती जान बेटियाँ।

दुर्गा इंदिरा लक्ष्मी बाई,
जैसी बनें महान बेटियाँ,
कर्म क्षेत्र में बढ़ने को हैं,
आज सभी तैयार बेटियाँ।

सूरज सी हैं तेज बेटियाँ,
चाँद की शीतल छांव बेटियाँ।
०००००००००००००००००
पूनम

15 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

bilkul sahi hai poonamji....

suraj si hai tej betiya
chaand si chanchal chhanv betiya...
betiya sach me aisi hi hoti hai ji

रश्मि प्रभा... ने कहा…

rangin hakikat hain betiyaan
indredhanush ki chhata hain betiyaan
ghar ka sangit hai
baansuri ki taan hai
maan hai,gumaan hai
.......
bahut pyaari kavita,yaani betiyaan

बेनामी ने कहा…

बेटियों पर सुंदर कविता। पूनम ऐसे ही लिखती रहो।

--मानसी

बेनामी ने कहा…

गणतंत्र दिवस की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं

http://mohanbaghola.blogspot.com/2009/01/blog-post.html

इस लिंक पर पढें गणतंत्र दिवस पर विशेष मेरे मन की बात नामक पोस्‍ट और मेरा उत्‍साहवर्धन करें

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

प्रताप नारायण सिंह (Pratap Narayan Singh) ने कहा…

दुर्गा इंदिरा लक्ष्मी बाई,
जैसी बनें महान बेटियाँ,
कर्म क्षेत्र में बढ़ने को हैं,
आज सभी तैयार बेटियाँ।
आने वाले सदियों में, समाज निर्माण और देश की प्रगति में बेटियों की सहभागिता, २१ वीं सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी.
बहुत ही सुंदर बात कविता में उतारा है आपने.

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

बहुत बढ़िया कविता है पूनम जी...

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ ने कहा…

कोयल की संगीत बेटियाँ,
पायल की झंकार बेटियाँ,
सात सुरों की सरगम जैसी,
वीणा की वरदान बेटियाँ।
bahut hee sundar kavita.

dhanyavaad.


dwijendra dwij


www.dwijendradwij.blogspot.com

Akanksha Yadav ने कहा…

सुन्दर ब्लॉग...सुन्दर रचना...बधाई !!
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60 वें गणतंत्र दिवस के पावन-पर्व पर आपको ढेरों शुभकामनायें !! ''शब्द-शिखर'' पर ''लोक चेतना में स्वाधीनता की लय" के माध्यम से इसे महसूस करें और अपनी राय दें !!!

naresh singh ने कहा…

सुन्दर कविता है । सीधी भाषा मे सच्ची बात है जो दिल को छूती है क्यों कि मै मै एक बच्ची का बाप हूं । केवल एक बच्ची का ।

बेनामी ने कहा…

atti sundar peshkash hai ji!!!!!

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

बहुत बढ़िया कविता है पूनम जी...

Shikha Deepak ने कहा…

अति सुंदर!!!!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

bahut khoobsurat rachna..

sach hi aisi hi hoti hain betiyan.

निर्झर'नीर ने कहा…

behad khoobsurat bhaav or bunaai bhii
yakinan nai disha or nai raah dikhati rachna

aapka lekhan yakinan kabil-e-tariif hai.

aapko padhna accha lagaa