यादों के झरोखों से झांक लिया करूंगी
अतीत के पन्ने कभी पलट लिया करूंगी।
पल पल को समेटती चलती हूँ कभी
बीते हुए वक्त को दुहरा लिया करूंगी।
याद आयेगी तेरी जिंदगी के किसी मोड़ पे
दिल के आईने से तुझे देख लिया करूंगी।
सच का आईना होता है कड़ुआ बहुत मगर
अपने आप को फ़िर भी भरमा लिया करूंगी।
छोटी सी जिंदगी में रास्ते हैं कठिन बहुत
अतीत के पन्ने कभी पलट लिया करूंगी।
पल पल को समेटती चलती हूँ कभी
बीते हुए वक्त को दुहरा लिया करूंगी।
याद आयेगी तेरी जिंदगी के किसी मोड़ पे
दिल के आईने से तुझे देख लिया करूंगी।
सच का आईना होता है कड़ुआ बहुत मगर
अपने आप को फ़िर भी भरमा लिया करूंगी।
छोटी सी जिंदगी में रास्ते हैं कठिन बहुत
पर मंजिल पाने की कोशिश तो करुंगी।
०००००००००००००००
पूनम
०००००००००००००००
पूनम
7 टिप्पणियां:
यादों के झरोखों से झांकना और अतीत के पन्ने पलटना एक ऐसा सुख दुःख का सम्मिश्रण है जिससे हम बचना भी चाहते है और उसकी और हमेशा आकर्षित भी होते रहते है /कभी सुखद और कभी दुखद अनुभूति होती रहती है
बीता वक्त दोहरहा तो नहीं जा सकता ,हाँ लेटे लेटे उसकी कल्पना का अहसास किया जा सकता हैकुछ यादें तो ताउम्र अपने साथ रखी जाने के लिए होती है ""उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ,न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए ""
रचना में केवल पांच पद है ,किन्तु यादों के वारे में तो १५-२० पेज की बात कह दी गई है ,दिल के आईने से झांकना ,अपने आप को भरमाना ,और मंजिल पाने का हौसला एक सकारात्मक सोच की ओर इंगित करता है /एक उत्तम सुरुचि पूर्ण रचना /बधाई /
सच का आईना होता है कड़ुआ बहुत मगर
अपने आप को फ़िर भी भरमा लिया करूंगी।
बहुत अच्छा!
sunar aur sahaj rachana
सच का आईना होता है कड़ुआ बहुत मगर
अपने आप को फ़िर भी भरमा लिया करूंगी।
......
bahut badhiyaa
sach ka aaeena hota hai karhuaa bahut magar , apne aap ko phir bhi bharmaa liya karungi.....
apne-aap se apne-aap ki is bebaaki se baat karne ka lehjaa ek bahut hi achhi rachna ke roop mei saamne aaya hai......
badhaaee
---MUFLIS---
मनोभावों को मानो गीले रंगों से रंग दिया हो!
बहुत भावनात्मक रचना ...खास कर ये पंक्तियाँ अच्छी लगीं .
छोटी सी जिंदगी में रास्ते हैं कठिन बहुत
पर मंजिल पाने की कोशिश तो करुंगी।
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