आज मैं अपना एक बालगीत प्रकाशित कर रही हूं।
वैसे आप लोग मेरे अन्य बालगीत फ़ुलबगिया ब्लाग
पर पढ़ सकते हैं।
नाना जी की मूँछ
नाना जी की मूँछ
जैसे गिलहरी जी की पूंछ
अकड़ी रहती हरदम ऐसे
जैसे कोई रस्सी गयी हो सूख।
नाना जी मूँछों पर अपनी
हरदम देते ताव
पहलवान जी जैसे कोई
जीत गए हों दाँव।
कभी दाई मूँछ तो कभी बांई फ़ड़कती
कभी ऊपर उठती कभी नीचे गिरती
दरोगा की मूँछ भी
उनके आगे पानी भरती ।
नाना जी की मूँछ हरदम
ऐंठन में ही रहती
शान न गिरने पाए कभी
हरदम कोशिश करती ।
नाना जी की मूँछ की
गली गाँव में पूछ
फ़ेल हो गई उनके आगे
नत्थू राम की मूँछ ।
0000
पूनम
15 टिप्पणियां:
पूमन जी।
शानदार है यह बाल-गीत।
दादा जी की मूँछें बढ़िया रहीं।
Bahut Barhia... kuchh naya sa laga...
http://hellomithilaa.blogspot.com
Mithilak Gap...Maithili Me
http://muskuraahat.blogspot.com
Aapke Bheje Photo
http://mastgaane.blogspot.com
Manpasand Gaane
बहुत प्यारी मूंछ है.
{ Treasurer-T & S }
NAANA JI KI MOONCH TO BHAI GAZAB KI NIKLI.... SUNDAR BAAL RACHNA HAI
अले आपने तो बहुत ही बदिया गीत लिखा है. तसम से मेला मन बाद-बाद हो गया.
बालगीत लिखना भी सब के बस की बात नहीं ....मन को कहीं बाल मन से जोड़ कर ही लिखे जा सकते हैं ऐसे गीत ....बहुत बढ़िया ....!!
Bal sahitya ek upekshit si vidha hai aise main koi bhi prayas khushi deta hai.
बहुत सुन्दर बालगीत बधाई
मैं तो सोच रहा हूँ कैसे मेंटेन करते होंगे ?
अच्छा बालगीत .... बधाई....
बहुत बढ़िया रचना है, अति सुन्दर
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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INDIAN DEITIES
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
एक बीज,
ऊपर आने के लिए,
कुछ नीचे गया ,
ज़मीन के .
कस के पकड़ ली मिटटी ,
ताकि मिट्टी छोड़ उड़ सके .
६३ बरसा हुए आज उसे ….
…मिट्टी से कट के कौन उड़ा ,
देर तक ?
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
पहली बात आपको पुरानी फिल्म शराबी का डायलोग याद रहा "मूंछे हो तो नत्थू लाल जैसे हों वरना न हों "नानाजी की मूंछो वावत उपमा भी बहुत शानदार दी है जैसे गिलहरी की पूँछ ,सूखी रस्सी ,पहलबान का दाव जीतना ,दरोगा की मूंछ (यहाँ एक बिनम्र निवेदन करना चाहूंगा सही शब्द "दारोगा " होता है दरोगा नहीं ) उर्दू में दरोगा को चालक बेईमान धूर्त कहा जाता है |मुंशी प्रेमचंद ने जो कहानी लिखी है वह है "नमक का दारोगा "") खैर टोटल मिला के बहुत सुंदर बाल कविता है बच्चा भी खुश और नानाजी भी खुश |आज कल आवश्यकता है ऐसी रचनाओं की |आनंद दायक |
bachchon ke liye likha mazedaar baal geet !!
Meri rachna sarahne kaa bhee
abhaar !!
वाह बहुत ही सुंदर और प्यारा बाल गीत लिखा है आपने! मूंछे का तो जवाब नहीं!
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