कहते हैं जो रात गयी
सो बात गयी ऐसा भी
कभी ही होता है
पर बात जो दिल में जाये उतर
क्या वो लाख भुलाये
भी भूलता है।
ये तो एक बहाना है
अपने मन को बहलाने का
वरना इतना आसान नहीं
जो धोखे पे खाता धोखा है
क्या दिल उसका
इसे मानता है।
है वक्त बड़ा मरहम सबसे
जो बड़े से बड़े घावों को
खुद ही भरता है
पर वो इन्सां करे ही क्या
जिसे वक़्त ही
धोखा देता है।
फ़िर दामन वक्त का जो
हर क्षण है हमसे जुड़ा हुआ
उसके बिन इशारे के
इस जीवन का
इक पत्ता तक
नहीं हिल पाता है।
वक्त के संग संग चलना
मजबूरी नहीं जरूरत है
जो कदम मिला ले
वक्त के संग तो
वक्त भी हम कदम बन जाता है।
जीवन का पर्याय है वक्त
वक्त का मतलब ही जीवन है
सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है।
000000000
पूनम
27 टिप्पणियां:
"बहुत बढ़िया पूनम जी वक्त के बारे में सही लिखा आपने..."
bilkul sahee baat......aabhar
वक्त का पहिया कभी नहीं रुकता
सच्चाई को उजागर करती आपकी रचना अच्छी लगी.
रात गयी सो बात गयी...कहते तो सब हैं पर कितने भूल पाते हैं चुभे हुए शूलों को....सटीक अभिव्यक्ति
आपकी यह कविता पढ़कर मुझे अपनी एक कविता याद आगई-
कभी हम वक्त को बरबाद करते हैं
कभी वक्त हमें बरबाद करता है
वक्त कैसा भी हो यारो,आदमी
उसे एक दिन याद करता है।
bबहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो इन्सान चाह कर भी नही भूलता
पूनम जी रचना बहुत अच्छी लगी धन्यवाद।
'सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है।'
- और उस डोर को अपनी सुविधा से खीचता है.
सुन्दर भावनाएं ... शब्दों की सजावट भी सुन्दर है ...
एक गीत याद आ गई
"चिंगारी कोई भड़के .."
itna aasan hota to phir dard hi kyun hota ! yaa bachpan kee baaten kyun yaad aatin ...
जीवन का पर्याय है वक्त
वक्त का मतलब ही जीवन है
सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है।
सच है ... वक़्त बड़ा बलवान है ... जो इसको पकड़ कर चलता है वही सुखी है ...
"सही जीवन तो वही निभा पाता
जो वक्त की डोर से बंधता है।"
आपकी यह कविता पढ़कर मुझे अपनी एक कविता याद आ गई-
कभी हम वक्त को बरबाद करते हैं
कभी वक्त हमें बरबाद करता है
अच्छा बुरा कैसा भी हो वक्त यारो
आदमी उसे एक दिन याद करता है।
वक्त की डोर तो हम सबको बाँधे हुये है, हम ही छुड़ाकर भाग जाते हैं एक दिन ।
अपने कबिता को मनुष्य की गहराई तक पहुचने क़ा प्रयत्न किया है
आप बहुत अच्छा लिखती है जो ब्याहरिक होता है
धन्यवाद.
वक्त पर आपकी रचना माकूल है । अच्छी तरीके से भाव पिरोये हैं ।
वक्त को आपने अच्छी तरह से अभिव्यक्त किया है ।
प्रशंसनीय ।
कहते हैं की वक़्त सारे दर्द भर देता है पर ये भी उतना ही सच है की वक़्त ही पुराने दर्द को कुरेदता रहता है बहुत बढ़िया वक्त के बारे में सही लिखा आपने
वक्त के संग तो
वक्त भी हम कदम बन जाता है।
Waqt ki har shai gulam, waqt ka har shai pe raaj !
है वक्त बड़ा मरहम सबसे
जो बड़े से बड़े घावों को
खुद ही भरता है
पर वो इन्सां करे ही क्या
जिसे वक़्त ही
धोखा देता है।
वाह, पूनम जी!...सच्चाई को आपने कितने सुंदर शब्दों में ढाला है!
पर वो इन्सां करे ही क्या
जिसे वक़्त ही
धोखा देता है।
bahut achhi abhivyakti...
mere blog par aane ka shukriya poonam ji...
nice post...
बहुत सुंदर रचना । वक्त के साथ चलने में ही समझदारी है ।
सच्चे और सुन्दर भाव है कविता के
आप सबसे यही सहयोग चाहिए की आप सब इसके मेम्बर बनें,इसे follow करें और प्रत्येक प्रस्ताव के हक में या फिर उसके विरोध में अपने तर्क प्रस्तुत करें और अपना vote दें
जो भी लोग इसके member बनेंगे केवल वे ही इस पर अपना प्रस्ताव पोस्ट के रूप में publish कर सकते हैं जबकि वोटिंग members और followers दोनों के द्वारा की जा सकती है . आप सबको एक बात और बताना चाहूँगा की किसी भी common blog में members अधिक से अधिक सिर्फ 100 व्यक्ति ही बन सकते हैं ,हाँ followers कितने भी बन सकते हैं
तो ये था वो सहयोग जो की मुझे आपसे चाहिए ,
मैं ये बिलकुल नहीं कह रहा हूँ की इसके बदले आप अपने-२ ब्लोग्स लिखना छोड़ दें और सिर्फ इस पर ही अपनी पोस्ट डालें , अपने-2 ब्लोग्स लिखना आप बिलकुल जारी रखें , मैं तो सिर्फ आपसे आपका थोडा सा समय और बौद्धिक शक्ति मांग रहा हूँ हमारे देश के लिए एक बेहतर सिस्टम और न्याय व्यवस्था का खाका तैयार करने के लिए
1. डॉ. अनवर जमाल जी
2. सुरेश चिपलूनकर जी
3. सतीश सक्सेना जी
4. डॉ .अयाज़ अहमद जी
5. प्रवीण शाह जी
6. शाहनवाज़ भाई
7. जीशान जैदी जी
8. पी.सी.गोदियाल जी
9. जय कुमार झा जी
10.मोहम्मद उमर कैरान्वी जी
11.असलम कासमी जी
12.राजीव तनेजा जी
13.देव सूफी राम कुमार बंसल जी
14.साजिद भाई
15.महफूज़ अली जी
16.नवीन प्रकाश जी
17.रवि रतलामी जी
18.फिरदौस खान जी
19.दिव्या जी
20.राजेंद्र जी
21.गौरव अग्रवाल जी
22.अमित शर्मा जी
23.तारकेश्वर गिरी जी
( और भी कोई नाम अगर हो ओर मैं भूल गया हों तो मुझे please शमां करें ओर याद दिलाएं )
मैं इस ब्लॉग जगत में नया हूँ और अभी सिर्फ इन bloggers को ही ठीक तरह से जानता हूँ ,हालांकि इनमें से भी बहुत से ऐसे होंगे जो की मुझे अच्छे से नहीं जानते लेकिन फिर भी मैं इन सबके पास अपना ये common blog का प्रस्ताव भेजूंगा
common blog शुरू करने के लिए और आपको उसका member बनाने के लिए मुझे आप सबकी e -mail id चाहिए जिसे की ब्लॉग की settings में डालने के बाद आपकी e -mail ids पर इस common blog के member बनने सम्बन्धी एक verification message आएगा जिसे की yes करते ही आप इसके member बन जायेंगे
प्रत्येक व्यक्ति member बनने के बाद इसका follower भी अवश्य बने ताकि किसी member के अपना प्रस्ताव इस पर डालते ही वो सभी members तक blog update के through पहुँच जाए ,अपनी हाँ अथवा ना बताने के लिए मुझे please जल्दी से जल्दी मेरी e -mail id पर मेल करें
mahakbhawani@gmail.com
सही जीवन तो वही
निभा पाता जो वक्त की
डोर से बंधता है
...सही है. वर्तमान के साथ चलना ही बुद्धिमानी है ।
Ek baar jo dhokha kha le wah use puri tarah bhula de yah sambhav nahi.... dil mein gahre utari baaten jindagi bhar yaad rahti hai
lekin yah satya ki सही जीवन तो वही निभा पाता जो वक्त की डोर से बंधता है।
Saarthak rachna ke liye shubhkamnayne
बहुत सही परिभाषित किया वक़्त को.शुभकामनाये
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