सोमवार, 15 दिसंबर 2008


चंदा सी ठांव हो
पेड़ों की छाँव हो
जहाँ देवों के पाँव हों
घर ऐसा होना चाहिए।

जहाँ कोयल की कूक हो
पायल की रुनझुन हो
सरगम की गुनगुन हो
घर ऐसा होना चाहिए।

जहाँ बुजुर्गों का मान हो
छोटों का सम्मान हो
आपस में विश्वास हो
घर ऐसा होना चाहिए।

जहाँ स्नेह रूपी माल हो
कर्म रूपी चाल हो
मर्म रूपी ज्ञान हो
घर ऐसा होना चाहिए।

जहाँ ईश्वर में आस हो
धर्म में विश्वास हो
फर्ज का अहसास हो
घर ऐसा होना चाहिए।
**********
पूनम

15 टिप्‍पणियां:

सुनील मंथन शर्मा ने कहा…

जहाँ प्यार ही प्यार हो घर ऐसा हो चाहिए.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत ही सुन्दर और बढिया रचना है।बधाई स्वीकारें।

जहाँ ईश्वर में आस हो
धर्म में विश्वास हो
फर्ज का अहसास हो
घर ऐसा होना चाहिए।

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

सच कहा आपने ...घर का मतलब तो प्यार,विश्वास,आस्था का नाम होता है बहुत-बहुत बधाई सुन्दर रचना के लिये...

शब्द पुष्टिकरण हटा दीजिए इससे टिप्पणी कर्ता को परेशानी और समय की बर्बादी दोनों लगता है आप मेरे ब्लॉग पर आये धन्यवाद...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

जहाँ स्नेह रूपी माल हो
कर्म रूपी चाल हो
मर्म रूपी ज्ञान हो
घर ऐसा होना चाहिए।
........sach kaha

sandhyagupta ने कहा…

Saral shabdon me prabhavi abhivyakti.

BrijmohanShrivastava ने कहा…

यह कविता नहीं प्रार्थना है ,एक एक अक्षर एक एक शब्द चुन कर माला में पिरोया गया है

मेनका ने कहा…

waah waah just gr8 and gr8 poem..bahut achha likha hai aapne.

बेनामी ने कहा…

bahut hi sundar, khas taur se antim pantiyan.

जहाँ ईश्वर में आस हो
धर्म में विश्वास हो
फर्ज का अहसास हो
घर ऐसा होना चाहिए।

------------------------"VISHAL"

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

बहुत ही सुंदर।
यही फर्क है, घर और मकान में।


W.V. hata len. please

sanjay jain ने कहा…

जिस घर में इस प्रकार का वातावरण होगा -
जहाँ बुजुर्गों का मान हो
छोटों का सम्मान हो
आपस में विश्वास हो
घर ऐसा होना चाहिए।
वो घर स्वर्ग से सुंदर होगा /
कहते है कि स्वर्ग और नर्क इसी जहाँ में है / केवल दुःख में से सुख खोजने की जरुरत है
सुंदर रचना /

Harshvardhan ने कहा…

apke blog par kavitao ko padkar
bahut achcha laga
apki kavita ke bhav ghahre hai
basise tarah se likhna jaree rakhiye

Parul kanani ने कहा…

nice expressions...n so many thanx for comment!!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत ही बढ़िया।

सादर

सदा ने कहा…

बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Dorothy ने कहा…

बेहद भावमयी और खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.