मंगलवार, 7 सितंबर 2010

अक्षर का मतलब------

अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सभी पाठकों को हार्दिक

शुभकामनायें एवम बधाई।

अक्षर का मतलब------

क ख ग अक्षर नहीं विद्या का भंडार हैं।

यही तो भंडार सच्चे हैं कुबेर से भी बड़े खजाने हैं॥

अक्षर अक्षर मिल कर के शब्द कुछ प्यारे बने।

लिख लिख कर जो देखा तो लगा मोती से लुभावने हैं॥

चुन चुन कर शब्दों को,जब हमने समझ लिया।

तो यूं लगा ये केवल अपने नहीं औरों को भी लुटाने हैं॥

शब्दों की माला पिरो कर गले हमने जब लगा लिया।

यही तो वो बात है जो औरों को समझनी और समझानी है॥

इसी लिये थोड़े जीवन में भी इनकी जरूरत है बहुत।

यही खास धन जो न चोरी हों बस इनके भंडार बढ़ाने हैं॥

नहीं है जिसके पास ये धन उसकी भी कोई मजबूरी है।

कदम बढ़ाकर आगे हमको अक्षर के मतलब बतलाने हैं॥

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पूनम

33 टिप्‍पणियां:

सूबेदार ने कहा…

बहुत सुन्दर विषय
अक्षर जो क्षर नहीं होता यानी समाप्त नहीं होता हमारी देवनागरी लिपि वैज्ञानिक लिपि है इसलिए गले क़े अन्दर से शुरू होकर मुह क़े बाहर तक वर्ण बोलते समय आता है इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छी बात ही बोलना चाहिए भगवान कृष्ण ने जो गीता क़ा उपदेश दिया वह आज भी वायु मंडल में है .
इतनी अच्छी पोस्ट क़े लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

विद्या-भंडार बढ़ाने हैं।

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

पूनम जी,आज तो आपने एक ऐसे ख़ज़ाने का ज़िक्र किया है जिसे कोई चुरा नहिं सकता...सचमुच अनमोल है विद्या का धन!!

Udan Tashtari ने कहा…

बिल्कुल जी..आभार!

Shraddha ने कहा…

sundar rachana ,aham visshay par.

Shraddha ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
रानीविशाल ने कहा…

जी बहुत सुन्दर रचना ....धन्यवाद !
अक्सर रुखी रातों में

रश्मि प्रभा... ने कहा…

waah ... kitni achhi sachhi baat

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर ...सार्थक पोस्ट

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक्रचना है। तस्वीर मे लिखे शब्दों को जरा देख लें पद लिख की जगह पढ लिख होना चाहिये था शायद। धन्यवाद।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

शब्दों की माला पिरो कर गले हमने जब लगा लिया, यही तो वो बात है जो औरों को समझनी और समझानी है ....

सच कहा .... ज्ञान एक ऐसा भंडार है जो कोई भी नही चुरा सकता ....
बहुत अच्छा संदेश देती रचना है ...

राज भाटिय़ा ने कहा…

पुनम जी बहुत ही सुंदर वाल कविता कही आप ने धन्यवाद

rashmi ravija ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना...

सदा ने कहा…

बहुत खूब, सुन्‍दर शब्‍दों की माला के साथ बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Unknown ने कहा…

jai ho !

Parul kanani ने कहा…

saksharta divas par ek damdaar rachna..so nice!

राजेश उत्‍साही ने कहा…

सुंदर।

Archana writes ने कहा…

bahut hi shandar kavita.....

अर्चना तिवारी ने कहा…

बहुत सुंदर और सार्थक रचना

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
shikha varshney ने कहा…

अरे वाह ये तो बहुत ही सार्थक कविता है .

shikha varshney ने कहा…

अरे वाह ये तो बहुत ही सार्थक कविता है .

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

कितनी खूबसूरती से लिखा है आपने...

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

एक बेहद सुन्दर ,सामयिक और सार्थक पोस्ट्।

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत और शानदार रचना ! हर एक शब्द आपने बहुत ही खूबसूरती से लिखा है! मुझे बेहद पसंद आया!

बेनामी ने कहा…

कदम बढ़ाकर आगे हमको अक्षर के मतलब बतलाने हैं

साक्षर भारत का सपना आपकी भी आँखों में पलता है !मैं आपको सलाम करती हूँ

अंजना ने कहा…

बहुत बढ़िया!

गणेश चतुर्थी एवं ईद की बधाई

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !

Kailash Sharma ने कहा…

एक अहम् विषय पर बहुत ही रोचक ढंग से कही सुन्दर रचना...बधाई...
http://sharmakailashc.blogspot.com/

ZEAL ने कहा…

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Hi poonam,

A brilliant post !

A wonderful message has been beautifully conveyed through the lovely lines.

ZEAL
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Asha Joglekar ने कहा…

पूनम जी बहुत सही कहा आपने अक्षर वह धन है जो कोई चुरा नही सकता, बांटने से कम नही होता । खज़ाना लुटाने की बात तो बहुत ही सुंदर ।

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार साक्षरता दिवस 08/09/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत ही बढ़िया


सादर