दिल में तूफ़ानों का सैलाब
है मगर
फ़िर भी होठों पर
हसीं-मुस्कान लिये हैं।
नाव मझधार में फ़ंसी है
मगर
फ़िर भी उम्मीदों की पतवार
लिये हैं।
शरीर थक रहा है धीरे धीरे
मगर
फ़िर भी अरमानों का आगाज
लिये हैं।
भीगी भीगी आंखों से देख
रही राह मगर
फ़िर भी वो आएगा या नहीं
इंतजार लिये हैं।
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पूनम