बुधवार, 26 अगस्त 2015

पापा ऐसी कुर्ती ला दो

पापा जी ऐसी कुर्ती ला दो
जिसमें कलफ़ लगी कालर हो
झिलमिल झिलमिल तारों वाली
लटकी उसमें झालर हो।

पहन के कुर्ती को जब
मैं निकलूंगा घर से बाहर
देख के मुझको लोग कहेंगे
लगता प्यारा है राजकुवंर।


बैठूंगा मै फ़िर घोड़ी पर
साथ चलेंगे बाजे गाजे
परी लाऊंगा परी लोक से
जो हो सुन्दर सबसे ज्यादा।।
पापा ऐसी कुर्ती ला दो-----------।
000
पूनम श्रीवास्तव





शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

बंदर जी की शादी


चल पड़े बाराती लेकर
अपने बंदर मामा
शेरवानी पहनी थी ऊपर
नीचे था पाजामा।

आगे आगे चले बाराती
पीछे मामा जी की कार
धूम धड़ाका बैण्ड बाजा
बजता रहता बार बार।

नाचते गाते चली बारात
पहुंची बंदरिया के द्वार
स्वागत हुआ सभी लोगों का
पूरा हुआ उनका व्यवहार।


जब आई जयमाल की बारी
बंदरिया थी छोटी गोरी
सोचे कैसे माला डालूं
लाल हुये थे गाल।

मामा ने देखा मामी को
चिंता से थी बेहाल
लगा जम्प बंदर मामा ने
डाल दिया वरमाल।
000

पूनम श्रीवास्तव

शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

पन्द्रह अगस्त का दिन

बात न पूछो आजादी के मस्तानों की
दीवानों की नादानों की परवानों की।

जो बचपन में ही कूद पड़े
क्रान्ति की अलख जगाने में
वो टूट पड़े थे फ़ूट पड़े थे
आजाद हिन्द को करने को
जां की परवाह न की
जिन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी
पल पल जीते रहे वो
हरदम आजाद देश को करने को।

फ़ूट पड़ी थी ज्वाला
जब क्रान्ति की पूरी तरह
परवान पे थी।

हर मां के जवानों ने अपनी
जान भारत माता के नाम
कर दी थी।

फ़िर भी सबक न लिया हमने
ना दर्द को हमने जरा भी समझा
जिस दर्द को तिल तिल
सहते हुये उन्होंने अपनी
कुर्बानी दे दी थी।

आओ भारत के सपूतों
सुन लो
अभी समय नहीं बीता है
ये राजनीति ये कूटनीति
ये सामाजिक अत्याचार
से भी हम निपट लें तो
उनको थोड़ी सी सच्ची
श्रद्धांजली हो जाएगी।

हर साल आता है पन्द्रह अगस्त
आ के चला फ़िर जाता है
वो भी देखता पलट पलट कर
भारत माता से
किसका कितना नाता है।
000
पूनम श्रीवास्तव




रविवार, 9 अगस्त 2015

चंदा मामा

चंदा मामा दिन बहुत हुए
बात न तुमसे होती है
आज और कल करते करते
मुलाकात न तुमसे होती है।


मां भी रोज बुलाती तुमको
दूध और भात खिलाने को
लुका छिपी खेलो बदली संग
पर नाम न लेते आने का।

रूठे रूठे क्यों लगते मुझसे
इतना तो बतला ही दो
हो गई हो गर गलती कोई
तो माफ़ी मुझको दे ही दो।

हंस कर बोले चंदा मामा
है सूरज के घर मेरी दावत
साथ साथ खेलेंगे कल हम
धमा चौकड़ी खूब करेंगे।

चंदा मामा दिन बहुत हुए
बात न तुमसे होती है।
000
पूनम श्रीवास्तव