जहां को हंसाते हुये, खुद रोते हुए
फ़िर हंसती हुई, पलकें झपकाती हुई
जिन्दगी हूं मै आई,मै आई जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई,मै आई जिन्दगी ।
कुछ गुनगुनाती हुई, बुदबुदाती हुई
थोड़ी-थोड़ी करती शरारती हुई
नन्हीं सी कली सी मै आई जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई, मै आई जिन्दगी।
इठलाती हुई, बलखाती हुई
इतराती हुई ,लहराती हुई
इक बेल सी आगे बढी जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई,मै आई जिन्दगी।
कदम बढाती हुई,ख्वाब देखती हुई
झिलमिलाती हुई,खिलखिलाती हुई
धीरे-धीरे मै आगे बढी जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई,मै आई जिन्दगी।
गैरों को अपना बनाती हुई जिन्दगी
अपनों को गले लगाती हुई
साथ सबका निभाती बढी जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई, मै आई जिन्दगी।
सुख मे हंसती हुई,दुख को सहती हुई
अपने मे हिम्मत बढाती हुई
खुद-ब-खुद आगे चली जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई, मै आई जिन्दगी।
खुद लुटती हुई प्यार बांट्ती हुई
कभी रूठती हुई, कभी मनाती हुई
चुपके से समय गुजारती जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई,मै आई जिन्दगी।
डगमगाती हुई,लड्खडाती हुई
नैइया को पार लगाती हुई
मै पतवार से खेती, गयी जिन्दगी
जिन्दगी हूं मै आई, मै आई जिन्दगी
जाने किस पल मे सांस लगी टूट्ती
साथ सभी का मैं चली छोडती
फ़ि्र तो बाय- बाय मै करके चली
जिन्दगी मै चली, मै चली जिन्दगी।
ना----ना---ना----ना----ना—
सबकी यादों मे,सबके खयालों मे
सबकी सांसो मे,सबकी बातों मे
नये रूपों मे नये बन्धन मे
फ़िर से लौट के मै आई जिन्दग॥
जिन्दगी हूं मै आई, मै आई जिन्दगी…
पूनम
-----------