आप सभी को महा शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें।
भोले बाबा के नाम
भंग का रंग जो चढ़ा भोले को तो इधर उधर फ़िर डोले
फ़िर सोचे जरा रंग जमा लें डम डम बजा के डमरू बोलें।
आओ उमा तुम भी आ जाओ थोड़ी सी भंग चढ़ा लें
फ़िर देखो क्या होगा तमाशा बम बम बोले बाबा भोले।
उमा ने साथ दिया पति का सोचा कैसे इंकार करें
बाबा पल में गुस्सा पल में भोले, कब तीसरा नयन भी खोलें।
डम डम फ़िर जो डमरू बजा हो गये बाबा जोशीले
ताल में ताल मिला डमरू के नाचते बीच में थोड़ी भंग भी पीलें।
सुनी आवाज जो डमरू की हुये कान खड़े सभी देवों के
लगा सभी को क्या हुआ अचानक थर थर मन सबका डोले।
दौड़े आये ब्रह्मा विष्णु संग में देवता इन्द्र भी
सात रथों पे होके सवार सूर्य देव भी दौड़ चले।
कुछ तो बात है गड़बड़ जी आपस में सभी फ़ुस फ़ुस बोले
हिम्मत नहीं थी किसी की इतनी जो शिव के रंग में भंग डाले।
सभी देवों पर जब पड़ी नजर थोड़ा नशा उतर आया भले
पूछा भोले नाथ ने फ़िर क्या बात कोई कुछ ना बोले ।
समझ गई सब गणपति की मां देख के देवों की नजरें
खिल खिला कर हंसीं जोर से कुहनी मारी शिव को हौले।
फ़िर समझ गये शंकर जी भी पास जा भोले पन से बोले
आज जो मेरे मन में आया सोचा वो ही कर डालें।
एक साथ फ़िर देव सभी बोले आज की रात फ़िर आपके नाम
भंग की मस्ती में शिव भी जाके सबके गले मिले।
विष्णु बोले आज का दिन शिव रात्रि कहलायेगा
बेर धतूरा बेल पत्र, मस्तक चंदन और गले में शेष नाग झूलें।
खुश हो गये फ़िर सभी देवता हर हर महादेव का नारा लगा
फ़िर सबने चढ़ाई भंग और अपने अपने रस्ते को चले।
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पूनम