हद से गुजर जाती है जब इन्तहां प्यार की
इक आह सी निकली इस दिल के गरीब से।
नजरे अंदाज उनके कुछ इस कदर बदले
अनजाने से बन निकलते वो मेरे करीब से।
हाले दिल जो गैरों ने सुना वो लेते तफ़री
अपने भी देखते हमको बड़े अजीब से।
ये दिल दौलत की दुनिया होती जब तक पास
बन जाते हैं सब बड़े हम नसीब से।
ताउम्र जीने की अब ललक हमको नहीं
बस एक मुलाकात हो जाए मेरी महजबीं से।
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पूनम