कुछ बूंदें ओस की
टपकीं टप से
बिखर गयीं
फ़ूलों की कोमल पंखुड़ियों पर
बिना विचारे कि
वहां उनका स्वागत करेंगे
नुकीले बेदर्द कांटे
जिनका काम ही है
दर्द बांटना।
पर क्या मतलब इससे
दीवानी बूंदों को
उन्होंने तो खुद को कुर्बान कर
चार चांद लगाया
फ़ूलों के सौन्दर्य में
जड़ दिये हीरे और ढेरों नग
फ़ूलों की पंखुड़ियों पर।
फ़ूलों ने भी किया
स्वागत
उन बूंदों का उन्हें गले लगाकर
तहे दिल से किया शुक्रिया अदा
क्योंकि
वो भी इस बात को जानते हैं कि
बूंदें तो क्षणभंगुर हैं
उनका रिश्ता है इस धरती से
सिर्फ़ सूरज की किरणों के आने तक।
पर बूंदों की कुर्बानी के आगे
फ़ूल भी हो गये नत मस्तक
क्योंकि
बूंदों ने अपने नन्हें से जीवन
को व्यर्थ नहीं गंवाया
फ़ूलों को क्षणिक खुशी ही देकर
पूरी दुनिया को अहसास कराया
कि सबका ही जीवन तो क्षणभंगुर है
किसी को छोटी सी खुशी देकर
कुर्बान होना ही
जीने का दूसरा नाम है।
0000
पूनम
टपकीं टप से
बिखर गयीं
फ़ूलों की कोमल पंखुड़ियों पर
बिना विचारे कि
वहां उनका स्वागत करेंगे
नुकीले बेदर्द कांटे
जिनका काम ही है
दर्द बांटना।
पर क्या मतलब इससे
दीवानी बूंदों को
उन्होंने तो खुद को कुर्बान कर
चार चांद लगाया
फ़ूलों के सौन्दर्य में
जड़ दिये हीरे और ढेरों नग
फ़ूलों की पंखुड़ियों पर।
फ़ूलों ने भी किया
स्वागत
उन बूंदों का उन्हें गले लगाकर
तहे दिल से किया शुक्रिया अदा
क्योंकि
वो भी इस बात को जानते हैं कि
बूंदें तो क्षणभंगुर हैं
उनका रिश्ता है इस धरती से
सिर्फ़ सूरज की किरणों के आने तक।
पर बूंदों की कुर्बानी के आगे
फ़ूल भी हो गये नत मस्तक
क्योंकि
बूंदों ने अपने नन्हें से जीवन
को व्यर्थ नहीं गंवाया
फ़ूलों को क्षणिक खुशी ही देकर
पूरी दुनिया को अहसास कराया
कि सबका ही जीवन तो क्षणभंगुर है
किसी को छोटी सी खुशी देकर
कुर्बान होना ही
जीने का दूसरा नाम है।
0000
पूनम