चुरा लो समय से कुछ पल
अपने लिये भी
मांग लो थोड़ा सा वक़्त
अपने लिये भी
कल रहो या न रहो
ढूंढ़ लो कोई ठिकाना
अपने लिये भी।
दूसरों पर और खुशियां
लुटाओगे कब तलक
बचा लो थोड़ी सी खुशी
अपने लिये भी।
कटु वचन को अपने अंदर
घोलोगे कब तलक
मांग लो दो शब्द प्रेम के
अपने लिये भी।
खुद जियो और जीने दो दूसरों को
मान लो इस सत्य को
अपने लिये भी।
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पूनम