कह दो दिलों से आज कि इक दिल ने आवाज दी है
बन जाओ सहारे उनके जो कि बेसहारा हैं।
गुलामी की वो जंजीरें जो टूटी नहीं हैं अब तलक
तोड़ दो उन पाबन्दियों को जिन पर हक़ तुम्हारा है।
बड़ी फ़ुरसत से वो इक शै बनाई है खुदा ने
वो तुम इंसान ही तो हो जिसे उसने संवारा है।
वक़्त कब किसका बना है आज तलक हम कदम
करो ना इन्तजार उसका जो कि नहीं तुम्हारा है।
करने से पहले नेकी का अंजाम ना सोचो
समझो कि हर बात में उसका ही इशारा है।
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पूनम