सोमवार, 13 सितंबर 2010

हिन्दी दिवस

हिन्दी दिवस के अवसर पर सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनायें।

हिन्दी दिवस

हम हिन्द के वासी हिन्दी हैं,

हर भाषा हमारी अपनी है,

एक दूजे का हाथ थाम कर,

आगे की राह पकड़नी है।


हिन्दी है इक भाषा ऐसी,

जो सरल सहज ही लगती है,

पर आज की नव पीढ़ी इसे,

अपनाना क्यों हीन समझती है।


हर भाषा पर अधिकार रहे,

पर हिन्दी का भी ध्यान रहे,

जन मानस तक पहुंचे यह,

कोशिश हम सबकी यही रहे।


मातृ भाषा मेरी हिन्दी,

जन भाषा भी है हिन्दी,

भारत है ऐसा देश हमारा,

जहां सभी की प्रिय हिन्दी।


हिन्दी दिवस के अवसर पर,

धन्यवाद इसे मैं कहती हूं,

मेरी लेखनी का माध्यम हिन्दी,

इसे आज नमन मैं करती हूं।

000

पूनम

39 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

हिंदी भाषा को नमन ...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

पूनमजी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है...

बेनामी ने कहा…

BAHUT HI BEHTAREEN...
HINDI DIWAS KI SHUBHKAAMNAYEIN....

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

हिंदी-दिवस पर सुन्दर प्रस्तुति...हिंदी तो अपनी मातृभाषा है, इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए. हिंदी दिवस पर ढेरों बधाइयाँ और प्यार !!
_____________
'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है...

रानीविशाल ने कहा…

हर भाषा पर अधिकार रहे,

पर हिन्दी का भी ध्यान रहे,

जन मानस तक पहुंचे यह,

कोशिश हम सबकी यही रहे।
bilkul sahi punam ji....shubhkaamnaae
yahan bhi padhare

http://anushkajoshi.blogspot.com/

राजेश उत्‍साही ने कहा…

आप तो इतनी हिन्‍दीमय हो गईं कि एक ही पोस्‍ट को दो बार पोस्‍ट कर दिया। बहुत बहुत शुभकामनाएं। खैर अपने लिए तो हर दिन हिन्‍दी दिवस ही है,क्‍योंकि दूसरी कोई भाषा अपने को आती नहीं। और अंग्रेजी में अपन लड़खड़ाते हैं।

सुशीला पुरी ने कहा…

हम हिन्दी भाषी लोग अपनी हिन्दी को इतनी उदार और वैश्विक बना सकें कि हिन्दी जन जन की भाषा बन सके , और हमारे लिए हर दिन हिन्दी दिवस है।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

Hindi diwas pe Hindi aur Hindi ko badhane ke koshish karne wale ko naman!!

ek achchhi kavita!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

नमन हमारा भी हिन्दी को ... राष्ट्र भाषा को ....

माधव( Madhav) ने कहा…

हिंदी भाषा को नमन ..

राज भाटिय़ा ने कहा…

हिन्दी तो हमारी मां भाषा है,हर दिन एक हिन्दी दिन होता है

shikha varshney ने कहा…

हिंदी को नमन ..

कविता रावत ने कहा…

हिंदी-दिवस पर सुन्दर प्रस्तुति
......हिंदी के प्रति हमारा लगाव होना ही चाहिए. .....इन्टरनेट पर हिंदी का प्रचार-प्रसार देखकर सचमुच सुखद अनुभूति होती है... भले ही हिंदी को आज कतिपय लोग सिर्फ बोलचाल की भाषा तक सीमित समझते है जो काफी हद तक सही भी है लेकिन हिंदी को हम भारतीय जितने सहजता और आत्मीयता से बोल, समझते है उतनी दूसरी भाषा को नहीं...
गणेशोत्सव और हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामना

राजेश उत्‍साही ने कहा…

हिन्‍दी प्रेमियों से अनुरोध है कि अपना प्रेम दर्शाने के लिए सबसे पहले यह देखें कि टिप्‍पणी के साथ प्रदर्शित होने वाला आपका नाम किस भाषा में हैं। अगर आप हिन्‍दी में ब्‍लाग लिख रहे हैं तो सबसे पहले तो अपना नाम ही हिन्‍दी में लिखें।
अब बताएं कि कितने लोगों के हस्‍ताक्षर हिन्‍दी में हैं। हां हस्‍ताक्षर दो हो सकते हैं एक अंग्रेजी और एक हिन्‍दी में । मेरा अपना हस्‍ताक्षर केवल हिन्‍दी में है। फिर चाहे मुझे अंग्रेजी दस्‍तावेज पर हस्‍ताक्षर करना हो हिन्‍दी पर। आखिर आपकी पहचान तो एक ही होती है न। तो मित्रों अगर अभी त‍क आपने यह दोनों बातें नहीं की हैं तो अब कर लें। इस हिन्‍दी दिवस पर आपका यही योगदान होगा और संकल्‍प भी। वरना बड़ी बड़ी बातें तो जमाने से चली आ रही हैं और चलती रहेंगी।

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

राजेश जी, पोस्ट दो बार प्रकाशित हो जाने में पूनम जी की गलती नहीं है। दरअसल उनकी पोस्ट भी मैं ही प्रकाशित करता हूं।फ़ाण्ट और कलर की सेटिंग करते समय यह दोबारा छप गयी और उसी समय बिजली भी अनियतकालीन चली गयी---अभी अभी मैं कार्यालय से आया तो यह त्रुटि सुधार रहा हूं। उस पोस्ट पर आदरणीया निर्मला कपिला जी की एक टिप्पणी थी उसे भी इधर लगाने की कोशिश करता हूं। आपको हिन्दी दिवस की शुभकामनायें।-------------हेमन्त कुमार

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

निर्मला कपिला ने कहा…
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति। जै हिन्दी जै भारत। हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाईयाँ।
१३ सितम्बर २०१० ९:३० अपरा
आदरणीया निर्मला जी की टिप्पणी मैं यथावत प्रकाशित कर रहा हूं।----------------------------हेमन्त

रचना दीक्षित ने कहा…

हिंदी भाषा को नमन बहुत सुंदर प्रस्तुति है

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपको हिन्दी दिवस की बधाई।

Dr.Ajit ने कहा…

उम्दा प्रयास हिन्दी की जय हो !
मेरा भी नमन अपने गुरुओं को आपके बहाने हालांकि मै एकलव्य हूं हिन्दी का!
डा.अजीत

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

अत्यन्त सुंदर एवं भावपूर्ण रचना..हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामना

सूबेदार ने कहा…

कबिता तो हमेसा ही सुन्दर लिखती है आप लेकिन यह तो देवनागरी लिपि जो वैज्ञानिक लिपि है हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है, उसे बढ़ावा देना हमारा कर्तब्य.
भाषा क़े प्रति प्रेम को सादर प्रणाम.

Asha Joglekar ने कहा…

हम हिन्द के वासी हिन्दी हैं, हर भाषा हमारी अपनी है, एक दूजे का हाथ थाम कर, आगे की राह पकड़नी है।
Sahee kaha aapne Poonam ji. Aap mere marathi blog par aaeen tippani bhee ki achcha laga. mera hindi ka blog hai Swapnaranjita.

बेनामी ने कहा…

ikpzbhbsvslbmfydawdi, justin bieber baby lyrics, oqydske.

Udan Tashtari ने कहा…

हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!

ZEAL ने कहा…

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति

rashmi ravija ने कहा…

bahut hi sundar prastuti...
hindi ko naman...uske prati pyaar ne hi hum sabko jod rakha hai..

गजेन्द्र सिंह ने कहा…

हिंदी-दिवस पर सुन्दर प्रस्तुति

बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......

मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html
कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...

बेनामी ने कहा…

हिंदी को सादर नमन

Coral ने कहा…

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामना...बहुत ही सुन्दर रचना है !

Shaivalika Joshi ने कहा…

मेरी लेखनी का माध्यम हिन्दी,

इसे आज नमन मैं करती हूं।

Hindi meri matr bhasha

Urmi ने कहा…

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें! बहुत सुन्दर रचना!

SATYA ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति.
यहाँ भी पधारें:-
अकेला कलम...

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

जय हिंदी ......!!
जय हिंद ....!!

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना है। जय हिन्दी जय हिन्दोस्तान।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

बहुत अच्छी लगी आपकी यह अभिव्यक्ति.

Rohit Singh ने कहा…

जय हिंद जय हिंदी....

संजय भास्‍कर ने कहा…

हिंदी-दिवस पर सुन्दर प्रस्तुति

बेनामी ने कहा…

To be a noble human being is to have a philanthropic of openness to the far-out, an cleverness to trust undeterminable things beyond your own restrain, that can take you to be shattered in hugely extreme circumstances pro which you were not to blame. That says something uncommonly outstanding relating to the get of the honest life: that it is based on a trustworthiness in the up in the air and on a willingness to be exposed; it's based on being more like a weed than like a prize, something kind of feeble, but whose acutely precise attractiveness is inseparable from that fragility.

vandana gupta ने कहा…

हिंदी-दिवस पर सुन्दर प्रस्तुति

हिन्दी ना बनी रहो बस बिन्दी
मातृभाषा का दर्ज़ा यूँ ही नही मिला तुमको
और जहाँ मातृ शब्द जुड जाता है
उससे विलग ना कुछ नज़र आता है
इस एक शब्द मे तो सारा संसार सिमट जाता है
तभी तो सृजनकार भी नतमस्तक हो जाता है
नही जरूरत तुम्हें किसी उपालम्भ की
नही जरूरत तुम्हें अपने उत्थान के लिये
कुछ भी संग्रहित करने की
क्योंकि
तुम केवल बिन्दी नहीं
भारत का गौरव हो
भारत की पहचान हो
हर भारतवासी की जान हो
इसलिये तुम अपनी पहचान खुद हो
अपना आत्मस्वाभिमान खुद हो …………