माँ तुझे प्रणाम
शत शत नमन कोटि प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम ।
जब मैं तेरी कोख में आई
तूने स्पर्श से बताया था
ममता का कोई मोल नहीं
तूने ही सिखलाया था ।
माँ तुझे प्रणाम ।
थाम के मेरी उंगली तूने
इस दुनिया से मिलवाया था
सूरज चाँद और धरती तारे
सबके गीत सुनाया था
माँ तुझे प्रणाम ।
कदम लडखडाये जो मेरे
तूने भी कदम बढाया था
सही गलत की राह भी
तो तूने ही सिखलाया था ।
माँ तुझे प्रणाम ।
ज्यों ज्यों ही बढ़े चले हम
ऊंच नीच की आई समझ
हम सबसे पहले हैं इंसान
तूने हो समझाया था ।
माँ तुझे प्रणाम ।
कभी किसी भी पल में यदि
कोई मुसीबत हम पे आई
अडिग बन चट्टान सी तूने
हर मुश्किल से लड़ना सिखलाया।
माँ तुझे प्रणाम ।
अर्पण है माँ तुझको हरदम
श्रद्धा के शब्द अबोल ये माँ
ममता त्याग धैर्य समर्पण
माँ तुझसे ही सब पाया है।
माँ तुझे प्रणाम ।
सारी दुनिया तुझमें समाई
सच में तेरा मोल नहीं
तू सबसे अनमोल है माँ
माँ तुझे प्रणाम ।
००००
पूनम श्रीवास्तव