बंदर जी की शादी.बाल कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बंदर जी की शादी.बाल कविता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

बंदर जी की शादी


चल पड़े बाराती लेकर
अपने बंदर मामा
शेरवानी पहनी थी ऊपर
नीचे था पाजामा।

आगे आगे चले बाराती
पीछे मामा जी की कार
धूम धड़ाका बैण्ड बाजा
बजता रहता बार बार।

नाचते गाते चली बारात
पहुंची बंदरिया के द्वार
स्वागत हुआ सभी लोगों का
पूरा हुआ उनका व्यवहार।


जब आई जयमाल की बारी
बंदरिया थी छोटी गोरी
सोचे कैसे माला डालूं
लाल हुये थे गाल।

मामा ने देखा मामी को
चिंता से थी बेहाल
लगा जम्प बंदर मामा ने
डाल दिया वरमाल।
000

पूनम श्रीवास्तव